*अनार के पत्ते, छिलका, फूल, कच्चे फल और जड़ की छाल सबको एक समान मात्रा में लेकर, मोटा, पीसकर, दुगना सिरका, तथा 4 गुना गुलाबजल में भिगायें। 4 दिन बाद इसमें सरसों का तेल मिलाकर धीमी आंच पर पकायें। तेल मात्र शेष रहने पर छानकर बोतल में भरकर रख लें। इस तेल को रोज स्तनों पर मालिश करें तो स्तनों की शिथिलता में इससे लाभ होता है। इसके साथ ही जिनके शरीर में झुर्रियां पड़ गई हों, मांसपेशियां ढीली पड़ गई हो उन्हें भी इस तेल की मालिश से निश्चित लाभ होता है।
*अनार के पत्तों को कुचलकर 1 किलो रस निकाल लें, इसमें आधा किलो मीठा तेल (तिल का तेल) मिलाकर धीमी आंच पर पकायें। केवल तेल शेष बचने पर तेल को छानकर बोतलों में भर कर रख लें। दिन में 2-3 बार मालिश करने से मांसपेशियों के ढीलेपन में लाभ होता है।
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