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डायबीटीज का इलाज करने के लिए कोलेस्ट्रॉल को मारो

reduce-cholesterol-for-curing-diabities किसी को शूगर है, किसी को बल्ड शूगर ,किसी की किडनी खराब हो रही है ,किसी का लीवर खराब हो रहा है,किसी का लीवर खराब हो रहे है, किसी को अधरंग हो रहा है तो किसी को लक्वा हो रहा है किसी को brain stroke हो रहा है ,किसी को दिल का दौरा पड रहा है heart attack आ रहा है ! इन बिमारीयों के पीछे बहुत एक बहुत बडा चोर छुपा हुआ है वह है कोलेस्ट्रॉल जी हां अगर हमारे प्राचीन हर्बल सिशटम का गहन अधयन करें तो इसका नतीजा यही निकलता है। मधुमेह बीमारी का असली कारण भी जब तक आप लोग नही समझेगे आपकी मधुमेह कभी भी ठीक नही हो सकती है ।जब तक आप कोलेस्ट्रॉल को काबू नही कर लेते। (जब गंदे कोलेस्ट्रोल LDL की मात्रा बढ जाती है तब रक्त में मोजूद कोलेस्ट्रोल कोशिकाओ के चारों तरफ चिपक जाता है !और खून में मोजूद जो इन्सुलिन है कोशिकाओं तक नही पहुँच पाता है (इंसुलिन की मात्रा तो पर्याप्त होती है किन्तु इससे द्वारो को खोला नहीं जा सकता है, अर्थात पूरे ग्लूकोज को ग्रहण कर सकने के लिए रिसेप्टरों की संख्या कम हो सकती है) उकत वर्णित सभी बिमारीयां जटिल बिमारी की कतार में आती है जिसको आयुर्वदिक भाषा में कष्ट साध्य रोग कहा जाता है,क्योंकि इन रोगों को बडी कठिनाई से काबू किया जा सकता है मगर इसकी वजह यह होती है कि वैध किसी बिमारी को ठीक तब तक नही कर सकता जब तक उस बिमारी की जड को काट ना दिया जाए। मगर आज के जमाने में ना तो वैद को जड का मालूम होता है व ना ही रोगी के पास लंबा इलाज करवाने का धैर्य जिस्से रोग की जड कट सके। इसका नतीजा यह होता है कि वैध साहब मरीज को बडी बिमारी बता कर उसकी जेभ हल्की करता रहता है उसी तरह रोग बढ जाता है,बाकी बचती कसर चीर फ़ाड करने वाले निकाल देते है। बिमारी के मूल (जड) को पकड कर काट दिया जाए तो बिमारी को जाने मे कोई वकत ही नही लगता । 1) गिलोय,बिल्व पत्र,जामुन की गुठली,हरड़,बहेडा,आंवला,काली जीरी, तेज पत्र, बहेड़ा एवं अन्य जड़ी बूटियों को एक निश्चित बराबर मात्रा में ले, गुड़मार तथा विजयसार को दोगुना प्त्रा में लेकर सभी का चूर्ण बना लें यह चूर्ण कोलेस्ट्रॉल को काबू करने में बडी कामयाब दवा है । इसके प्रयोग से डायबिटीज में बहुत फायदा होता है । इस चूर्ण को 5 -5 ग्राम करीब एक चाय का चम्च फ़ुल गर्म पानी से सुबह शाम दो वक्त लें । 2) 2 कली लह्सन की सुबह खाली पेट चबा कर खाएं। 3)-50 ग्राम काला चना धो कर 2 गिलास पानी में रात को भिगो कर रखें,सुबह उठ कर उसी पानी में चनों को उबालें । चने उबल जाने के बाद पानी थोडा गर्म हो तब पी लें ,चने को खा लें। 4-गेहू का आटा अपने हाथ वाली चक्की से 10 किलो गेहूं मे एक किलो काला चना व 1/2 किलो जो डाल कर थोडा मोटा पिसवा लें इस आटे की रोटी खाएं। इस प्रयोग से धीरे धीरे उकत सभी बिमारीयां अपने आप ठीक हो जाती है। समय समय पर कोलेस्ट्रॉल व शुगर का लेवल चैक करते रहना चाहिए जिस्से आपको बिमारी के घटने के संकेत मिलते रहें l
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डायबिटीज बुरी नही है सिर्फ़ डायबिटीज का रोग बुरा है

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बिछूबूटी,सदाबहार बूटी,रतन जोत के फ़ूल- डायबिटीज बुरी नही है सिर्फ़ डायबिटीज का रोग बुरा है । डायबिटीज के बगैर तो आपका सरीर चल फ़िर ही नही सक्ता समझ्ने  की बात तो यह है कि डायबिटी के बगैर हम जी भी नही सकते बुरा सिर्फ़ डायबिटीज रोग है जो इस्के बढने या घटने की चाल को कह्ते हैं  जब हमारा सरीर शूगर  की मात्रा पर कन्ट्रोल करना कम कर देता है तो इस्की मात्रा घटने या बढने लग जाती है तो इस्को डायबिटीज रोग कहा जाता है । यह एक घातक किसम का रोग है जो मानव जिसम को अन्दर से खोख्ला कर देता है । इस रोग मे रोगी को धैर्य रखना अती जरुरी है डायबिटीज का रोगी अगर धैर्य रख कर इलाज शुरु करे ओर संयमित रहे ओर प्रहेज रखे तो ये नही हो सकता  कि डायबिटीज का रोग आपके सरीर मे रहे ।
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- इस्का सबसे आसान व सस्ता इलाज मोजूद है मगर बात वही धैर्य रख कर इस पर कन्ट्रोल करने की है ।
इस्के इलाज के लिए शाम को ३ बजे बैंगनी रंग के बिछूबूटी के तीन फ़ूल लें (दोपहर खिडी, जिस्को रतन जोत, सदा बहार, ओर बिछूबूटी के नाम से भी जाना जाता है इस्के बैंगनी व सफ़ैद रंग के फ़ूल होते है ) ओर १०० ग्राम पानी गर्म करके इस पानी को एक कांच के गिलास मे डाल कर इस गर्म पानी मे ये तीनो फ़ूल डाल दे ओर सुबह होने तक ढक कर रख दें
सुबह खाली पेट यह पानी पी लें ओर आधा घन्टा बाद तक कुछ नही खाना पीना है।
 आधे घनटे के बाद हिमालय़्न बेरी जूस १० ग्राम ले गरम पानी से लें
इस तरह लगातार तीन दिन लेकर फ़ूल वाला पानी एक हफ़ता छोड दें हिमालय़्न बेरी जूस छह माह तक लगातार लेते रहें ।
फ़ूल वाला पानी सात दिन छोड कर फ़िर तीन दिन लेते रहें यानी पहले मास नो दिन लें फ़िर एक मास बन्द फ़िर एक माह शुरु यानी कुल ६ मास मे आपने ५४ दिन फ़ूल वाली दवा लेनी है ।
इस दवा को शुरु करने से पहले अप्ना शुगर का सत्र चैक करवा कर दवा शुरु करें । 
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डायबिटीज के कारण कई लोगों को बार-बार मुंह सूखने की समस्या होती है। यदि आपके साथ भी यह समस्या है तो जब भी मुंह सूखे एक सुपारी का टुकड़ा मुंह में रखें। ऐसे लोगों को इस स्थिति से बचने के लिए सुपारी बहुत मदद करती हैं, क्योंकि इसे चबाने से बड़ी मात्रा में लार पैदा होती है।
साथ मे सुबह कम से कम आधा घन्टा नंगे पैर हरी घास पर सैर जरुर करें


भाग दौड की दिनचर्या अनियमित खान-पान हर निय्मित समय पर किये जाने वाले कार्य के अस्मय हो जाने के कारण बडी संखया मे लोग कम उम्र मे ही डायबिटीज का शिकार होते जा रहे हैं। डायबिटीज के मरीज को सिरदर्द, थकान जैसी समस्याएं हमेशा बनी रहती हैं। डायबिटीज में खून में शुगर की मात्रा बढ जाती है। वैसे इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है। परंतु जीवनशैली में बदलाव, शिक्षा तथा खान-पान की आदतों में सुधार द्वारा रोग को पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है। डायबिटीज के मरीज को अपने डाइट प्लान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। डायबिटीज हो जाने का मूल कारण पैंक्रियाज मे कुदर्ती तरीके से निर्माण होने वाली इंसुलिन की मात्रा का कम हो जाना होता है जिस वकत इंसुलिन कम मात्रा मे निर्माण होने लगती है उस वकत डायबिटीज अनिय्मित हो जाती है ओर नियंत्रण मुकत हो कर रोग का रूप धारन कर लेती है जो कम या अधिक के रूप मे हो सकती है
डायबिटीज को नियंत्रण करने के कई तरीके हैं आइए हम मधुमेह रोगियों के लिए कुछ घरेलू उपाय लिखे जा रहे  हैं।
सबसे खास यह है कि हर रोज सुबह के समय सुर्य उगने से पहाले उठ कर नंगे पांव हरी घास पर कम से कम 20 से 30 मिन्ट या अधिक समय तक सैर लगातार करनी जरूरी है  

मधुमेह,डायबिटीज के लिए अन्य घरेलू उपचार

1-   10 मिग्रा आंवले के जूस को 2 ग्राम हल्दी  के पाउडर में मिला लीजिए। इस घोल को दिन में दो बार लीजिए। इसको लेने से खून में शुगर की मात्रा नियंत्रित होती है।

2 रतन्जोत, के 3 फ़ूल बैंगनी रंग के ले कर आधा गिलास हलका गर्म पानी कांच के गिलास में ले कर उस्मे शाम को 2-3 बजे फ़ूल डाल कर उपर से ढक कर रख दें ओर अगले दिन सुबह खाली पेट इस्को पी ले I
*इस तरह 10 दिन लगातार करें 20 दिन छोड दें तीन माह तक दोहराएं I
    अपने सभी टैसट कर्वा कर दवा शुरु करें बीच मे भी टैसट करवा कर     
    देखें कोर्स पुरा होने के बाद भी टैसट करवा कर नतीजे जो भी हों हमारे   
    कमेन्ट बाकस मे जरुर लिखे I 

3-  औसत आकार का एक टमाटर, एक खीरा और एक करेला को लीजिए। इन तीनों को मिलाकर जूस निकाल लीजिए। इस जूस को हर रोज सुबह-सुबह खाली पेट लीजिए। इससे डायबिटीज में फायदा होता है। 

4- डायबिटीज के मरीजों के लिए सौंफ बहुत फायदेमंद होता है। सौंफ खाने से डायबिटीज नियंत्रण में रहता है। हर रोज खाने के बाद सौंफ खाना चाहिए। 

5-    मधुमेह के रोगियों को जामुन खाना चाहिए। काले जामुन डायबिटीज के मरीजों के लिए अचूक औषधि मानी जाती है। जामुन को काले नमक के साथ खाने से खून में शुगर की मात्रा नियंत्रित होती है। 

6- स्टीविया का पौधा मधुमेह रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। स्टीविया बहुत मीठा होता है लेकिन शुगर फ्री होता है। स्टीविया खाने से पैंक्रियाज से इंसुलिन आसानी से मुक्त होता है। 

7-डायबिटीज के मरीजों को शतावर का रस और दूध का सेवन करना चाहिए। शतावर का रस और दूध को एक समान मात्रा में लेकर रात में सोने से पहले मधुमेह के रोगियों को सेवन करना चाहिए। इससे मधुमेह नियंत्रण में रहता है।

 
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