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गुपत रोग



गुपत रोगगुपत रोग
इस खंड मे गुपत रोगों के बारे मे पढोगे
. पेशाब का अधिक मात्रा में आना (बहुमूत्र) रोग

1 चम्मच अनार के छिलकों का चूर्ण एक कप पानी के साथ दिन में 3 बार सेवन करें। इससे बहुमूत्र का रोग नष्ट हो जाता है।
*अनार के छिलकों को छाया में सुखाकर बारीक चूर्ण बना लें। 3 ग्राम चूर्ण सुबह-शाम पानी के साथ लेने से बार-बार पेशाब जाने से छुटकारा मिलता है।"

 शरीर की गर्मी: -अनार का रस पानी में मिलाकर पीने से गर्मी के दिनों में बढ़ी शरीर की गर्मी दूर होती है।

गर्भस्राव: -लगभग 100 ग्राम अनार के ताजा पत्तों को पीसकर पानी में
छानकर पिलाने से और पत्तों का रस पेडू पर लेप करने से गर्भस्राव रुक जाता है
 अत्यधिक मासिक स्राव (अत्यार्तव): -अनार के सूखे छिलके पीसकर छान लें। इस चूर्ण को 1 चम्मच भर की मात्रा में दिन में 2 बार सेवन करने से रक्तस्राव बंद हो जाता है। नोट : शरीर के किसी भी भाग से खून निकल रहा हो, उसे रोकने में भी इस विधि का उपयोग किया जा सकता है।

कामशक्तिवर्धक: -प्रतिदिन मीठा अनार खाने से पेट मुलायम रहता है तथा कामेन्द्रियों को बल मिलता है।

 गर्भवती स्त्री की शारीरिक शक्ति की वृद्धि हेतु: -
*अनार के पत्तों की चटनी, घिसा हुआ चंदन, थोड़ा-सा दही और शहद मिलाकर गर्भवती स्त्री को पिलाने से गर्भस्थ शिशु व गर्भवती स्त्री की बल वृद्धि होती है।
*खट्टे-मीठे अनार के रस या शर्बत के सेवन से गर्भावस्था की उल्टी शांत हो जाती है तथा मीठे अनार के दाने खाने से गर्भवती स्त्री के कमजोर रहने वाले हृदय और शरीर में सुधार होता है तथा गर्भवती महिला की दुर्बलता भी दूर होती है।"

 स्त्रियों के स्तनो को सुडौल, सख्त और आकर्षक बनाना
*एक तरोताजा अनार को पीस लें। इसे 200 या 250 ग्राम सरसों के तेल में डालकर गर्म कर लें। इस तेल की मालिश नियमित रूप से स्तनों पर करते रहने से स्त्रियों के स्तन उन्नत, सुडौल, सख्त और सौंदर्ययुक्त बन जाता है।
*अनार की छाल लगभग एक किलो और माजूफल 125 ग्राम को 2 लीटर पानी में डालकर पकायें जब पानी आधा बच जाये तब इसे छानकर रख लें, फिर इसी में 125 ग्राम तिल्ली का तेल डालकर पकाकर स्तनों पर लेप करने से स्तन कठोर होते हैं।"
मूत्राघात (पेशाब के साथ धातु का जाना)

*लगभग 50 ग्राम अनार के रस में छोटी इलायची के बीजों का चूर्ण और सोंठ का चूर्ण आधा-आधा ग्राम . स्वप्नदोष गुपत रोगमिलाकर पीने से मूत्राघात में बहुत लाभ होता है।
*अनार के रस में छोटी इलायची के बीज और सोंठ का चूर्ण मिलाकर पिलाने से मूत्राघात में बहुत लाभ मिलता है।
*अनार के पत्ते 10 ग्राम और हरा गोखरू 10 ग्राम दोनों को 150 ग्राम पानी में पीस-छानकर सेवन करने से मूत्राघात की शिकायत दूर हो जाती है।"

 गर्भधारण की क्षमता में वृद्धि करना
*अनार की ताजी, कोमल कलियां पीसकर पानी में मिलाकर, छानकर पीने से गर्भधारण की क्षमता में वृद्धि होती है।
 गर्भाशय भ्रंश (गर्भाशय का बाहर आना): -गर्भाशय के बाहर निकल आने पर भी अनार गुणकारी है। छाया में सुखाये अनार के पत्तों का चूर्ण 6-6 ग्राम सुबह-शाम ताजे पानी के साथ सेवन कराने से स्त्रियों को लाभ होता है।

शीघ्रपतन

शीघ्रपतन

शीघ्रपतन एक बड़ी गंभीर बीमारी है जिससे ग्रस्त इंसान अपनी पत्नी को रति क्रिया से / संभोग से पूरण आनंदित नही कर सकता इस बीमारी से एक हंसता खेलता परिवार लड़ाई झगड़ा कालेश से शुरू होकर बात तलाक़ तक पहुँच जाती है क्यो की बीमारी के बारे मैं पति पत्नी दोनो ही खुल कर किसी को नही बताते ओर बात बिगड़ती जाती है ओर इस छोटी सी बीमारी के कारण परिवार टूट जाते हैं
शीघ्रपतन

इस बीमारी का शिकार नीम हकीमो या गुप्त रोगो के माहिर का शिकार हो कर उजड़ते है जो इन लोगोका खूब शोसन करते है ओर लूटते हैं इसे अवसरवादी लोगो से बचना चाहिए ताकि इस तरह के उजड़ते परिवरो को टूटने से बचाया जा सके आपको यह बात सोच लेनी चाहिए की हमरे आयुर्वेद मैं कोई बीमारी लाइलाज नही छोड़ी है हर बीमारी का

इलाज मोजूद है मग्र इलाज करने ओर करवाने वाला सही होना चाहिए
 शीघ्रपतन के रोगियों को 2-3 माह तक पावर ओ गोल्ड पावडर ओर जीवन शक्ति रस का लगातार सेवन करना चाहिए इसके साथ नीचे डाए गये किसी भी एक पर्योग का इस्टामाल करना चाहिए यह बीमारी इतनी जल्दी ही ठीक हो जाती है जितनी जल्दी आपको पहले नीम हकीमो नई लूटा था
 शीघ्रपतन के रोगियों के लिए एक  प्रयोग काफी लाभकारी  है- सौ ग्राम अजवाइन लेकर सफेद प्याज के रस में भिगोकर सुखा लें,सूख जाने पर पुन: पुन: प्याज के रस में भिगोकर तीन बार सुखाएं। अब अच्छी तरह सूख जाने पर इसका बारीक पाउडर बना लें,अब इस पाउडर को पांच ग्राम की मात्रा में घी और शक्कर की लगभग पांच ग्राम की मात्रा से सेवन करें। इस योग को इक्कीस दिन तक लेने पर शीघ्रपतन में लाभ मिलता है

2--एक किलो प्याज के रस में आधा किलो उड़द की काली दाल मिलाकर पीस कर पीठी बना लें और इसे सुखा लें, सूख जाने पर पीठी को एक किलो प्याज के रस में पुनः दुबारा पीसें और पुनः दुबारा पीस कर लिख लें ईअब इस पीठी को दस ग्राम की मात्रा में लेकर भैंस की दूध में पुनः पकायें और इच्छानुसार शक्कर डाल कर पी जाएँ, इस योग का सेवन लगातार तीस दिन तक सुबह शाम सेवन करने से सेक्स  स्तम्भन शक्ति बढ़ जाती है !

3-सफेद मूसली, गोखरू, तालमखाना और शतावरी 50-50 ग्राम सबको कूट-पीसकर महीन चूर्ण कर लें और पिसी हुई मिश्री 100 ग्राम लेकर सबको मिला लें। सुबह-शाम इस चूर्ण को 1-1 चम्मच मात्रा में मीठे कुनकुने गर्म दूध के साथ सेवन करें। यह नुस्खा नपुंसकता, ध्वजभंग, शुक्रमेह, शुक्र की उष्णता व पतलापन, पेशाब की रुकावट और जलन आदि व्याधियां नष्ट कर शरीर को सशक्त,बल्वान  बनाने और पौरुष बल की वृद्धि करने में बहौत सफल सिद्ध हुआ है। आप भी इसे प्र्योग कर सकते है,
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