Showing posts with label general disease. Show all posts
Showing posts with label general disease. Show all posts

सिरदर्द या माईग्रेन

headeache-migraine

सिरदर्द एक देखने मे छोटी मगर एक गंभीर किस्म की बीमारी है माईग्रेन एक बेहद दर्दकारक समस्या है,  ज्यादातर देखा जाता है की माईग्रेन का दर्द सिर के बाएं अथवा दाहिने भाग में होता है, यानि सिर के एक ही हिस्से में इसे महसूस किया जाता है इसलिये इसे आधा सिर दर्द भी कहा जाता है। कभी-कभी यह दर्द ललाट और आंखों पर भी स्थिर हो जाता है। जो नज़र की कमज़ोरी के कारण भी हो जाता है कई दफ़ा माईग्रेन का दर्द सुबह उठते ही प्रारंभ हो जाता है और सूरज के चढ़ने के साथ रोग भी बढ़ता जाता है। दोपहर बाद दर्द में कमी हो जाती है। कारगर उपायों के तौर पर सुदुर ग्रामीण अंचलों में आदिवासी हर्बल जानकार अनेक हर्बल नुस्खों का इस्तमाल करते हैं, आज हम ऐसे ही एक कारगर नुस्खे का जिक्र करेंगे जिसे आमतौर पर आदिवासी अक्सर इस्तमाल में लाते हैं।
आम तोर पर सिर दर्द या माईग्रेन रोग के इलाज मे एलोपैथिक दवाओं के नाम पर दर्द निवारक दवाएं दी जाती हैं लेकिन दर्द निवारक दवाओं से दर्द मे तो रहत मिल जाती है मगर इनके घातक दुष्प्रभावों से कई अन्य रोग होना भी आम बात है।
अगर अप भी माईग्रेन या सिर के दर्द के शिकार है ती यह नुस्खा आजमा कर देखें - 1-हर रोज एक एक बूँद श्री तुलसी की पानी मैं या चाय मे डॉल कर दो या तीन बार पी ले 
2-तुवर के पत्तों या हरहर के पत्तों का रस (50 ग्राम) तथा दूब (दूर्वा घास) (50 ग्राम) का रस निकल कर, इन दोनो मिश्रण को आपस में अच्छी तरह घोल ले और इसमें 3-4 काली मिर्च भी कूटकर मिला ले  इस रस की  २2-3बूंद  को नाक के दोनो नथूनों में डालें
15 से 20 दिन तक दिन में दो बार करें यह माईग्रेन का सबसे बढ़िया उपचार है 

कब्ज व बवासीर का इलाज

कब्ज व बवासीर का इलाज
कब्ज ,बवासीर के पूर्व का ल्क्षण होता है कब्ज होना अगर कब्ज की चेतावनी को आप नही समझ्ते हैं तो याद रखें छह माह के अन्दर-अन्दर काभी भी आपको यह बवासीर का ना-मुराद हो जाने के संकेत है
कब्ज   बवासीर का मूल कारण हमारे शरीर की आंतो की गर्मी का

बढ. जाना ओर हमारे सरीर मे पानी की कमी हो जाना है। पानी की कमी से आंतों मे खुश्की हो कर उन्मे मल सूखने लग जाता है ओर आंतो की परत से चिप जाता है   और मल निष्कासन में जोर लगाना पडता है कभी कभी आंतो से मल चिपक्ने से आंतो मे घाव भी हो जाते है।
बवासीर रोग को 3 भागों मे बांटा जाता है
1-कब्ज


कब्ज बवासीर से पुर्व का लक्षण होता है जिस्का मत्लब है कि आप्के सरीर मे आंतो की गर्मी बढ गई है ओर पानी की कमी है आप्को सचेत हो जाने की जरुरत है सुबह उठ्ते ही पानी पीजिए थोडी सैर हर रोज करे गर्म तासीर की चीजो का खान पान छोड दे रेशेदार फ़लो सब्जीयो का इस्तेमाल करे थोडा सरीर पर धयान दे ये रोग ठीक हो जाएगा चिन्ता की बात नही है

2--साध्य बवासीर
gas
अगर आप्ने इस रोग की प्र्थम चेताव्नी कब्ज को गंभीरता से नही लिया तो इसकी दुसरी सटेज साध्य बवासीर का सामना करने के लिये तैयार रहना होगा क्योकि कबज के कारण इसकी दूसरी अवस्था मे मल सूक कर आप्की आंतो मे जम जाने से बवासीर नामक रोग हो जाएगा जिस्के परिणाम गंभीर होते जाएंगे इस अवस्था को भी थोडे कशट के साथ ठीक किया जा सकता है जिस्मे आप्को सबसे पहले पुरी तरह कबज को ठीक करना होगा ओर कबज ठीक होने के साथ साथ बवासीर का इलाज भी करना होगा
3- कष्ट साध्य बवासीर
बवासीर के भी अन्देखा करने के बाद होने वाले रोग का नाम है कष्ट साध्य बवासीर इमे रोग तो तक्रीबान वही होता है मगर बीमारी तक्लीफ़ का दाय्ररा बड. जाता है बिमारी मे गुदा के रासते खून गिरने लग सक्ता है,मस्से भी हो सकते हैं, भगंदर भी हो सकती है  तक्लीफ़ मे बैठ्ने मे दिक्कत, चलने फ़िरने मे दिक्कत, पेट मे गैस,अफ़ारा,पेट का बढ जाना,   हाजिमा खराब हो जाना इत्यादि हो सकते है,
कब्ज व बवासीर का इलाज
धयान रखें कि एलोपैथिक दवाओ मे इस रोग का इलाज ढूंड कर समय खराब ना करें ओर ना ही आप्रेशन इस बीमारी का उप्चार है इस बीमारी का सही उप्चार तो अपने सरीर का खान पान का संतुलन बनाकर अपने घर पर ही कर सकते है जिस्के लिये नीचे कुछ आसान प्र्योग लिखे गये हैं 


1- पक हुआ (बेलपत्र फ़ल ) बिल्व फ़ल कब्ज के लिये अति श्रेष्ठ औषधि है। इस फ़ल को पानी में उबाल कर मसल लें ओर इसका रस निकालकर हर रोज 40 दिन तक लगातार पियें। इस्से बवासीर रोग के साथ साथ कबज भी ठीक जो जाती है
2- इसबगोल का भूसा कबज में बहुत गुण्कारी है 2-2 चमच सुबह शाम पानी के साथ इसबगोल सुबह  रात को सोते समय लेना फ़ायदेमंद है दस्त खुल कर होने लगता है। इसके प्र्योग से आंतो की खुशकी दूर होती है तथा आंतों की सक्रियता बढाता है मल को आंतो से चिपक्ने नही देता यह एक कुदरती रेशा है जो कुद्रत ने हमे जडी बूटीके रूप मे दिया है
कब्ज व बवासीर  
 -3 एक कप गरम पानी मे 1 चम्म्च शुध शहद मिलाकर पीने से कब्ज का रोग मिट जाता है। यह योग हर रोज दिन मे 2-3 दफ़ा पीना लगातार पीना चाहीए यह कबज के साथ साथ पूरे सरीर के लिए हित्कारी है।

4 -अलसी के बीजों को पीस्कर पावडर बना लें। एक गिलास
 पानी मे 10 ग्राम के करीब यह पावडर डाल लें और 2-3 घन्टे तक भीग्ने दें फ़िर छानकर यह पानी पी जाएं। यह कबज बवासीर तथा सरीर की खुशकी का बेहद सस्ता ओर फ़ाय्देमंद ईलाज है। अलसी में प्रचुर मात्रा मे रेशा ओमेगा फ़ेटी एसिड् वगैरा होते हैं जो कब्ज,बवासीर निवारण में भूमिका निभाते हैं।
5-  अंजीर फ़ल जिसको कुदरत ने कब्ज रोग निवारण के लिये ही बनाया है। अंजीर फ़ल जिसका आकार भी गुदा के आकार से मिलता है। अंजीर फ़ल के 5 नग ले कर रात  को मिटी के बर्तन यानी हाडी मे 2 गिलास पानी भर कर भिगो दें ये भीगे हुए अंजीर फ़ल सुबहखाली पेट निरना बासी चबा चबा कर खाएं। यह आंतो की खुशकी को दुर करर्के आंतों चीकना बनाता है सरीर मे पानी की कमी को दुर करता है  कब्ज  बवासीर का नाश करता है अंजीर फ़ल
6--अगर कबज का प्रकोप अधिक हो तो कौडतुम्बा ले कर पैरो के तल्वो मे रात को मसल लें इस्से दसत खुल कर आता है

नज़र की कमज़ोरी

आँखों के रोग

नेत्रज्योति आँखों की रोशनी  बढ़ाने के लिए
आँखों के रोग नेत्रएलो ज्योति आँखों के सभी रोगों के लिए एक उत्तम टॉनिक है इसको सुबह शाम दोनो समये आँखो मैं डालना चाहिए यह आँखों की रोशनी को बढ़ाती है ओर चस्मे का नंबर छोटा करती है धीरे धीरे चश्मा उतारा जा सकता है
इस दवा के साथ रोग अनुसार नीचे दिए किसी एक पर्योग को इस्तेमाल कर्ण चाहिए

 नज़र की कमज़ोरी
1-इन्द्रवरणा (बड़ी इन्द्रफला) के फल को काटकर अंदर से बीज निकाल दें। इन्द्रवरणा की फाँक को रात्रि में सोते समय लेटकर (उतान) ललाट पर बाँध दें। आँख में उसका पानी न जाये, यह सावधानी रखें। इस प्रयोग से नेत्रज्योति बढ़ती है।
2- त्रिफला चूर्ण को रात्रि में पानी में भीगोकर, सुबह छानकर उस पानी से आँखें धोने से नेत्रज्योति बढ़ती है।

चश्मा उतारने के लिएः
1- 7 बादाम, 5 ग्राम मिश्री और 5 ग्राम सौंफ दोनों को मिलाकर उसका चूर्ण बनाकर रात्रि को सोने से पहले दूध के साथ लेने से नेत्रज्योति बढ़ती है।
2- एक चने के दाने जितनी फिटकरी को सेंककर सौ ग्राम गुलाबजल में डालें और प्रतिदिन रात्रि को सोते समय इस गुलाबजल की चार-पाँच बूँद आँखों में डालकर आँखों की पुतलियों को इधर-उधर घुमायें। साथ ही पैरों के तलुए में आधे घण्टे तक घी की मालिश करें। इससे आँखों के चश्मे के नंबर उतारने में सहायता मिलती है तथा मोतियाबिंद में लाभ होता है।

रतौंधी अर्थात् रात को न दिखना (नाइट ब्लाइंडनेस)-
1- बेलपत्र का 20 से 50 मि.ली. रस पीने और 3 से 5 बूँद आँखों में आँजने से रतौंधी रोग में आराम होता है।
2-  श्याम तुलसी के पत्तों का दो-दो बूँद रस 14 दिन तक आँखों में डालने से रतौंधी रोग में लाभ होता है। इस प्रयोग से आँखों का पीलापन भी मिटता है।
3- 1 से 2 ग्राम मिश्री तथा जीरे को 2 से 5 ग्राम गाय के घी के साथ खाने से एवं लेंडीपीपर को छाछ में घिसकर आँजने से रतौंधी में फायदा होता है।
4- जीरा, आँवला  एवं कपास के पत्तों को समान मात्रा में लेकर पीसकर सिर पर 21 दिन तक पट्टी बाँधने से रतौंधी में लाभ होता है।
                                  ASSOCIATEPRODUCT LIST & PRICE HERE

उच्च रक्त शर्करा-हाइ ब्लड शुगर

उच्च रक्त शर्करा, हाइ ब्लड शुगर

गोली शुगर आवे का 5-6 माह तक हिमलियन बेरी जूस के साथ नियमित इस्तेमाल करे  इसके साथ साथ निम्न लिखित उपाय करे उच्च रक्त शर्करा को नियंत्रित करने के उपाय
image of high blood sugar level meter herbspowerofindia

1 मेथी के बीज (मेथी के बीज) = 100ग्म्स
2 दालचीनी लाठी (दालचीनी) = 100ग्म्स
3 बे पत्तियों (तीज पत्ता) = 5 से 6 पत्ते
4 लौंग (लौआंग) = 7 से 8 पीसी
5 जीरा बीज (जीरा) = 2 तबल चम्मच
6 बिग कार्डामूं (मोती एलची) 4 से 6 पीसी
7 काला नमक (काला नमक) = 50 ग्राम
8 काली मिर्च (मीरच काली) = 50 ग्राम
9 हल्दी (हल्दी पाउडर) = 20 ग्राम
इन सभी दवाओ को साफ करकर ग्राइंड करके पीस ले एक हवा टाइट कंटेनर में पाउडर मिश्रण डाल ले. एक गिलास पानी में पाउडर का एक चम्मच मिश्रण और नींबू का रस मिले पानी से ले सकते हैं और यह सुबह में खाली पेट 1 बार पीना हैं. रात के खाने के बाद गे के दूध की दही से ले सकते हैं.
इसके अलावा कच्चे लहसुन 2-कली सुबह खाली पेट खाने  हैं.
रात के खाने के साथ हर दिन 1 कच्चे प्याज का सेवन करें.
काया खाना है - प्याज / लहसुन / ककड़ी / टमाटर / नींबू के रस का एक सलाद बनाने के लिए किया जाएगा
लाल चावल या  रोटी (चपाती)  खाओ
परहेज - लाल मिर्च,गुड,अयार, ईमली, अमचूर की खटाई,मीठा,गरम मसले से बचे
30 दिनों के बाद उपाय है, इस उपचार को शुरू करने से पहले अपने रक्त शर्करा को चेक करवा कर शुरू करे ओर 30 दिन यह दावा खाने के बाद चेक करवाकर  फर्क खुद देख लेना है
30 दिन बाद 15 दिन दवा बंद करके फिर शुरू करे इस तरह दवा 4 माह तक ले
                    ASSOCIATEPRODUCT LIST & PRICE HERE

सुडौल बॉडी ताक़त , जवानी के लिए

सुडौल बॉडी के लिए दमदार नुस्खे

 इस नुस्खे के आगे अच्छे से अच्छे टॉनिक भी नहीं टिक सकते मगर मेहनत तो करनी पड़ेगी
इस दवा को लेने से पहले पावर  ओ गोल्ड
सोया,प्रोटीन,अशावगंधा,ब्राही,शतवारी,विदर्कन्द,बादाम एव ग्लूकोस युक्त,
formulla for gain body
यह वेनीला व चाकलेट के फ्लेवर मैं आती है
यह प्रोटीन,विटामिन,मिनरल्स,आंटी-ऑक्सिडेंट,करबिहिडरटेस,इटियादी का प्रकीरटिक स्रोत है मानव सरीर मैं किसी भी कमज़ोरी के शिकार इंसान को ज़रूर इस्तेमाल करना चाहिए इसके 2 चम्च को दूध, पानी,लस्सी, या जूस मैं डालकर लेना चाहिए
साथ मे सुबह शाम को 1-1 चमच हिमलियन बेरी जूस की खाना खाने के बाद लेनी चाहिए
जिन रोगो में लाभकारी है- स्नायु दौर्बल्य, नापुक्स्ता ,क्षीणशक्तिता, काम के प्रति अरूचि, बल्कारी  आदि कुछ ऐसी समस्याएं हैं। जिनसे कान्फिडेंस में कमी आती है। साथ ही मन को नैराश्य के भाव घेरने लगता है। लेकिन घबराए नहीं अगर आपके साथ भी शारीरिक बल से जुड़ी या कमजोरी की समस्या हो तो नीचे लिखे आयुर्वेदिक उपाय को जरूर अपनाएं।
सामग्री- वट वृक्ष की जटा का अग्रिम लाल रंग वाला भाग लेकर छाया में सुखाकर पीस लें। इस पिसे हुए चूर्ण की 100 ग्राम मात्रा लेकर उसको खरल में डालकर रोज 10 ग्राम वट का दूध डालकर खरल करते जाएं। इस प्रकार एक माह में 300 ग्राम दुग्ध खरल हो जाएगा। तब नुस्खा श्रेष्ठ फल देगा, यदि इतने दिन तक खरल करना संभव न हो तब 15 दिन तक खरल करना संभव हो तब 15 दिन में 150 ग्राम वट दुग्ध खरल करके 300 मि.ग्राम की यानी छोटा बेर के   गोलियां बनाकर रख लें।
सेवन विधि- इस दवा को हेल्त किट के साथ नियमित 2-3 माह तक सेवन करना चाहिए (हेल्त किट की कीमत 1905 रुपये )
 एक-एक गोली सुबह शाम दूध, मधु, मक्खन, अथवा मलाई के साथ मिलाकर खाएं।
गुण व उपयोग- इसके सेवन से शरीर का ढीलापन दूर होता है। शरीर सुडौल व सुगठित बनता है। कमजोरी मिटती है। पौरुष शक्ति बढ़ती है। इसके अलावा इस  औषधी के नियमित सेवन से गैस्ट्रीक प्रॉब्लम्स भी धीरे-धीरे मिटती जाती है। अच्छे से अच्छे टॉनिक भी इस दवाई के आगे नहीं टिक पाता है।
1- 1 से 2 ग्राम सोंठ एवं उतनी ही शिलाजीत खाने से अथवा 2 से 5 ग्राम शहद के साथ उतनी ही अदरक लेने से शरीर पुष्ट होता है।
2- 3 से 5 अंजीर को दूध में उबालकर या अंजीर खाकर दूध पीने से शक्ति बढ़ती है।
3-1 से 2 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को आँवले के 10 से 40 मि.ली. रस के साथ 15 दिन लेने से शरीर में दिव्य शक्ति आती है।
4- एक गिलास पानी में एक नींबू का रस निचोड़कर उसमें दो किसमिश रात्रि में भिगो दें। सुबह छानकर पानी पी जायें एवं किसमिश चबा जायें। यह एक अदभुत शक्तिदायक प्रयोग है।
5- शाम को गर्म पानी में दो चुटकी हल्दी पीने  से शरीर सदा नीरोगी और बलवान रहता है।
                             ASSOCIATEPRODUCT LIST & PRICE HERE
loading...
loading Trending news...