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कैंसर की जांच अब अल्ट्रासाउंड से भी होगी

कैंसर की जांच अब अल्ट्रासाउंड से भी होगीकलम का तिलक,नैटवर्क,लंदन-20जनवरी । वैज्ञानिकों ने गर्भाशय के कैंसर का पता लगाने वाली एक नई किस्म की अल्ट्रासाउंड जांच विकसित कर ले है, जिससे कैंसर के खतरे की सूचना पहले ही मिल जाएगी। बेल्जियम के यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स लियूवेन में हुए शोध के मुख्य लेखक ड्रिक टिम्मरमैन कहते हैं, "पहले इस जांच से यूटरस के मरीजों की 20 से 25 प्रतिशत तक जांच पूरी नहीं हो पाती थी।"  उन्होंने बताया, "हमारा शोध दल इसकी जांच करने में सक्षम था। अब से यह नई विधि हर कैंसर पीड़ित की सटीक जांच करेगी। यह नया टेस्ट मरीज में ट्यूमर के रिस्क की जानकारी दे सकता है।"
यूटरस या गर्भाशय का कैंसर एक घातक बीमारी है। इसका समय से पता लगाकर, अगर इसका इलाज किया जाए, तो यह कारगर हो सकता है।

ड्रग रेसिस्टेंट बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ने के लिए लाइट-पावर्ड नैनोथेरेपी

ड्रग रेसिस्टेंट बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ने के लिए लाइट-पावर्ड नैनोथेरेपी का निर्माण किया गया है। ये सुपरबग्स जैसे एंटी-बायोटिक रेसिस्टेंट को असफल करने में मदद करेगी। वैज्ञानिकों के अनुसार, इस विधि में प्रयोग होने वाले लाइट-पावर्ड चिकित्सीय नैनोपार्टिकल्स को क्वांटम डॉट्स भी कहा जाता है। यह डॉट्स मानवों के बालों से 20 हजार गुना छोटे होते हैं। यह उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स में इस्तेमाल होने वाले सेमीकंडक्टर्स के समान लगते हैं।
लेब के वातावरण में यह 92 प्रतिशत दवा प्रतिरोधी जीवाणु कोशिकाओं को नष्ट करने में सक्षम हैं। अमेरिका की कोलोरैडो बाउल्डर यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर और इस अध्ययन के सह-लेखक भारतीय मूल के प्रशांत नागपाल ने बताया कि “इन सेमीकंडक्टर्स के नैनोस्केल के सिकुड़ने से कोशिकाओं में एक विशिष्ट प्रतिक्रिया उत्पन्न की जा सकती है, जो केवल संक्रमित स्थानों को ही टार्गेट करेगी”। यह शोध पत्रिका 'नेचर मटीरियल्स' में प्रकाशित हुआ है।








 
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