सर्दी के लिए वाजीकारक नुस्खे

सर्दी के लिए वाजीकारक नुस्खे
आयुर्वेद की यहा अनेक औषधियां लिखी जा रही हैं जिनसे यौवन को बरकार रखा जा सकता है, बस आवश्यकता है तो इनके सही इसतेमाल करने की

- कौंच के बीज (शुध किए हुए), खजूर, सिंघाड़ा, दाख और उड़द इन सब को 20-20 ग्राम की मात्रा में लेकर 250 मिली पानी में मिलाकर पकाएं। जब पानी समाप्त हो जाए तो इसमें खांड, वंशलोचन, शुद्ध घी एवं शहद मिलाकर सेवन करने से शुक्र शक्ती बढ्ती है
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-यौन शक्ति को बढ़ाने व खोई हुई ताकत वापस लाने के लिए असरोल की जड़ का पावडर तथा कासनी हीरो व अरेबियन तेल लाभदायक सिद्ध होते हैं। इन औषधियों से किसी भी प्रकार के यौन संबंधी समस्याएँ होने पर इस्तेमाल करें लाभप्रद सिद्ध होगी। इस दवा को हिंदी में बबूल के रस के नाम से जाना जाता है।

-मुलेठी के 1.5 ग्राम चूर्ण को शुद्ध घी और शहद के साथ सेवन करने से भी कामेच्छा बढ़ती है।
मगर नोट करे कि शहद ओर घी को भूल कर भी ब्राबर मात्रा मे इसतेमाल न करे

-गोखरू बीज, तालमखाना बीज, शतावरी, कौंच बीज, नागबला की जड़, अतिबला की जड़ इन सब को मोटा-मोटा कूटकर कर 2.5 ग्राम की मात्रा में दूध के साथ सुबह शाम लेने से पौरुष शक्ति में बढ़ोत्तरी होती है

-शतावरी, गोखरू, विरादीकंद, शुद्ध भल्लातक, गिलोय, चित्रक, त्रिकटु, तिल, विदारीकन्द और मिश्री मिलाकर बनाया गया चूर्ण, जिसे नरसिंह चूर्ण भी कहा जाता है, एक उत्तम वाजीकारक औषधि है इसे सर्दी मे खाकर तंदरुसती व जवानी हासिल की जा सकती है।

-अकाकिया बबूल की फलियों तथा पत्तों का रस है जिसे सुखाकर टिकिया बनायी जाती है। यह दवा पेशाब में धातु तथा स्वप्न दोष के लिए अचूक औषधि है। जो व्यक्ति इस तरह के रोग से ग्रसित है उन्हें बबूल का रस 1 से 1 1/2 ग्रा. तक सेवन करना चाहिए। इसके अलावा अकाकिया अन्य बीमारियों में भी लाभकारी हैं जैसे- खूनी पेचिश, श्वेत प्रदर, आँख आना, मुँह में छाले होना आँतों में खराश गर्मी के कारण उत्पन्न होने वाली सूजन गाँठ इत्यादी मे भी फ़ायदेमंद है।


-कच्चे लहसुन की 2-3 कलियो का प्रतिदिन सेवन करना यौन-शाक्ति बढ़ाने का बेहतरीन घरेलु उपचार है तथा इस योग से कोलेस्ट्रोल को भी नियंत्रण मे रखा जा सकता है यह उत्तम दवा है

-15 ग्राम तुलसी के बीज और 30 ग्राम सफेद मुसली लेकर चूर्ण बनाएं, फिर उसमें 60 ग्राम मिश्री पीसकर मिला दें और शीशी में भरकर रख दें। 5 ग्राम की मात्रा में यह चूर्ण सुबह-शाम गाय के दूध के साथ सेवन करें इससे यौन दुर्बलता दूर होती है।

 -सालम पंजा व विदारीकन्द को ब्राबर मात्रा मे पीस कर 5 ग्राम चूर्ण में पिसी मिसरी व घी मिला लें। इस चूर्ण को खाने के बाद इसके ऊपर से मीठा ग्रम दूध पीने से वृद्ध पुरुष की भी संभोग करने की क्षमता वापस लौट आती है।

-5 ग्राम गोखरू का चूर्ण और काले तिल 10 ग्राम को बराबर मात्रा में लेकर इसे 250 मिलीलीटर बकरी के दूध में उबालकर तथा उसे ठंडा करके शहद को मिलाकर खाना चाहिए। इसका सेवन करने से हैंडप्रैक्टिस (हस्तमैथुन) से यौन क्रिया में आई कमजोरी भी समाप्त हो जाती है।

-200 ग्राम विधारा और 200 ग्राम  असगंध नागौरी व 200 ग्राम मिश्री- इन तीनों को लेकर कूट पीस लें। फिर इसे अच्छी तरह से कूट-पीसकर तथा इसे छानकर रख लें। सुबह के समय रोजाना इस चूर्ण को 2 चम्मच खा लें। उसके बाद ऊपर से मिश्री मिला हुआ गर्म-गर्म दूध को पी लें। इस चूर्ण का इस्तेमाल करने से बुजुर्ग व्यक्ति भी जवानों के समान संभोग कर सकता है।

इन सभी दवाओ पर गुड,आचार,खटाई,मसालेदार वस्तुओ का तयाग करके लगातार 40 से 60 दिन तक जरुर इसतेमाल करे व लाभ उठाए

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