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पीडादायक माहवारी में आजमाएं घरेलू नुस्खे

पीडादायक माहवारी,menses problems
पीडादायक माहवारी में आजमाएं घरेलू नुस्खे
माहवारी का कष्टकारी होना महिालओं के लिए एक गंभीर समस्या  है, ऎसी महिलाओं को माहवारी यानी पीररियडय के टाइम गर्भाशय की पेशियों में भयंकर खिंचाव और मरोड होता है। पीडादायक माहवारी के कई कारण माने जाते हैं, जैसे-माहवारी के कई कारण माने जाते हैं, जैसे-माहवारी की रूकावट झिल्लीयुक्त मासिक स्त्राव, गर्भाशय का मुड जाना, डिंबाशय की सूजन आदि के इलावा माहवारी के समय संभोग करना या गलत व्यायाम, चुस्त व तंग कपडे पहनना आदि किसी भी कारण से भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है । इस्से निमन्लिखित प्रयोगोमे से कोई भी एक नुस्खे को आजमाकर पीडादायक माहवारी से छुटकारा पाया जा सकता

1- 2 से 3 ग्राम अदरक, 4 कालीमिर्च, एक बडी इलायची-इन्हें कूटकर उबलते पानी में डालें, फिर इसमें काली चाय, दूध और शक्कर मिलाएं उबालकर थोडी देर रखने के बाद गर्म-गर्म ही पीएं। पीरियड्स के दर्द से मुक्ति के लिए यह अत्यंत उपयोगी नुस्खा है।
2-माहवारी के दर्द को ठीक करने के लिए आधा चम्मच कलौंजी के बीज का चूर्ण दिन में दो बार गर्म पानी से पीडियड्स के दौरान लें। यदि दर्द बहुत ज्यादा है, तो माहवारी शुरू होने से 3-4 दिन पहले से हय विधि शुरू करें और माहवारी समाप्त होने तक जारी रखें ।

3-अगर पीडा असह्नीय हो तो अम्रितधारा की 1-2 बूंद को 5 बूंद सरसों के तेल में मिला कर पेडू पर लेप करें। इससे पीडा का शमन तुरंत होता है।

पीडादायक माहवारी की शिकार महिलाएं मीठे-नमकीन पदार्थो का संवन कम कर दें, क्योंकि इनसे पेट फूलता है और सुस्ती आती है। इस दौरान हरी सब्जियों व फलों का सेवन अधिक करें। इससे कब्ज व गैस से राहत मिलेगी।

सफेद पानी यानी ल्यूकोरिया का इलाज

सफ़ैद पानी या ल्यूकोरिया का इलाज(leukorrhea)


सफ़ैद पानी या ल्यूकोरिया
ल्यूकोरिया यानी सफ़ैद पानी की बीमारी महिलाओं के शरीर को बेहद कमजोर कर देती है और बोनस के रूप में कुछ और भी बीमारियों को पैदा कर देती है जैसे त्वचा में रूखापन, गालों में गड्ढे, कमर दर्द, सेक्स में अरुचि, घुटनों में दर्द, पाचन में गड़बड़ी, चिडचिडापन  आदि
इत्यादि. इसका एक बेहद सरल इलाज है-
एल्लोवेरा जूस का ल्गतर 2-3 माह तक रोजाना इस्तेमाल करना चाहिए ओर साथ मैं नीमिन पर्योग करे I


घरेलू दवा सफ़ैद पानी जिस को लकोरीया भी कहते हैं की दवा -

1-सफ़ैद चावल दो छोटे चमच ले कर रात को भिगो दे ओर सुबह इन्को मसल कर पानी निकाल लें

जो आधा कप हो I

दुसरा हरी दुभ घास जिसको दुर्वा भी कह्ते है सुबह सुबह तकरीबन बीस ग्राम ले कर कुट पीस  कर इस्का पानी निकाल ले जो तकरीबन 2-3 चमच हो अब दोनो को मिला कर रोगी को हर रोज खाली पेट पिला दें ओर लगातार पन्द्रह दिन करेI

2- साथ मे रात को सोते समय हर रोज एक माह तक बैध नाथ का सुपारी पाक एक चमच दूध के साथ देते रहे I

प्रहेज-गरम,अधिक चिक्नाई दार चीजें, मसाले दार चीजें,इम्ली की खटाई,आचार,गुड, गुड से बनी वस्तूए,आम्चूर के उत्पाद,व कामुक्ता इत्यादी का सखत परहेज रखे I

एक माह मे ये बीमारी जाती रहेगी अगर आप चाह्ते/चाह्ती हैं कि ये नामुराद बीमारी सदा के लिए जाती रहे तो उक्त चावल वाला प्रयोग 2 माह तक करें ओर सुपारी पाक वाला 3 माह तक लगातार करे I


2-कौंच के बीज कौंच को कपिकच्छु भी कहते हैं. इसमें कैल्शियम, फास्फोरस, लौह तत्व, प्रोटीन, गंधक और गेलिक एसिड पाया जाता है. इन बीजो का छिलका ज़हरीला होता है इन बीजों को रत को भिगो कर रख दे सुबह इसका छिलका नरम हो जाएगा इसको उतार कर सूखा कर इस्तेमाल करे 

आप कौंच के बीज लीजिये. उनका पीस कर  पावडर बना लीजिये .बस इसी पावडर को सुबह शाम पानी से निगल लीजिये .मात्रा होगी 2-2 ग्राम.

देखिये फिर जल्दी ही आपको इस नामुराद बीमारी से 21 दिन में ही. कैसे छुटकारा मिलता है.

3-ल्यूकोरिया की बीमारी में अशोक पेड़ की  छाल के चूर्ण वा मिश्री को सामान मात्रा में मिलाकर गाय के दूध के साथ सुबह शाम सेवन करना चाहिए। इसके अलावा आंवला, गिलोय के चूर्ण को अशोक की छाल के चूर्ण के साथ बराबर मात्रा में उबालकर उसमें जल मिलाएं और शहद के साथ सुबह शाम सेवन करें।

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