हकलाना /वाणी दोष का इलाज
तुतलाना , हकलाना
*जब कोई हकलाकर कर बोलता है तो लोग अक्सर हंस देते हैं जो हकलाने वाले
के लिये अपमान जनक होता है।उसे प्रेम तथा स्नेह से समझाना चाहिये।हकलाकर
बोलने वाले बालक को अपने इस दोष से निजात पाने के लिये बराबर अभ्यास कराना
चाहिये न कि कुंठित होकर बैठ जानें दें।
* बच्चों में तुतलाना और हकलाना प्राय देखा जाता है। यह वास्तव में कोई
रोग नहीं होता वरन कुछ पौष्टिक तत्वों की शरीर में कमी के कारण ही होता है।
तुतलाने और हकलाने की दशा में निम्न जड़ी-बूटियों का प्रयोग दिये गये
तरीके से करने में लाभ अवश्य होता है।
इलाज
* बच्चे
को एक ताजा हरा आँवला रोज चबाने के लिये दें। बच्चे से कहें कि पूरा आँवला
वह चबा कर खा ले। इससे बच्चे की जीभ पतली हो जायेगी और उसके मुख की गर्मी
भी समाप्त हो जायेगी। बच्चे का तुतलाना और हकलाना बन्द हो जायेगा।
* बादाम गिरी 7 और काली मिर्च 7 लेकर कुछ
बूंद पानी में घिस कर चटनी बना लें और उसमें थोड़ी-सी मिश्री मिला लें तथा
बच्चे को चटा दें। नियमित रूप से लगभग एक या दो माह तक ऐसा करें। हकलाना और
तुतलाना समाप्त हो जायेगा।
* प्रातकाल मक्खन में काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर चाटने से कुछ ही दिनों में हकलाहट दूर हो जाती है।
* तेजपात को जीभ के नीचे रखने से हकलाना और तुतलाना ठीक हो जाता है।
* हरा धनिया व अमलतास के गूदे को एक साथ पीस कर रख लें। पानी मिलाकर 21 दिनों तक कुल्ली करने से हकलाहट समाप्त हो जाती है।
* धीरे धीरे बोलने का अभ्यास कराऐं स्वर उच्चारण पर ध्यान दें कारण स्वर ही शब्द तथा वाणी का आधार है|
*हकलाने के बावजूद भी खूब बोलने तथा पढने का अभ्यास करायें।
*बच्चे या व्यक्ति को अनावश्यक सोच विचार में न फंसने दें
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