रोग ग्रहदोष का प्रकोप!


औषधि या दवा से रोग शांत ना हो तो समाझ लेना चाहीए कि ग्रह दोष का प्रकोप है  अर्थात ग्रह की महादशा , अन्तर्दशा लगी हुई है तथा इस्के लिए विधि विधान से  मंत्र जाप , रत्न ,एवं जड़ी बूटिया धारण करनी चाहिए व ग्रह के आनुसार दान व पुजा इत्यादि पर विचार करना चाहीए  | इससे रोग हल्का होगा और ठीक होने लगेगा | रत्न उपरत्न सम्बंधित ग्रह के वार व् नक्षत्र में धारण करने चाहिए | दान संकल्प करके ब्रह्मण या जरूरतमंद को श्रद्धापूर्वक देना चाहिए |
रोग ग्रहदोष का प्रकोप!


ग्रहदोष के अनुसार होने वालए रोग ग्रह अनुसार उप्योगी रतन,उप्रतअन, व रत्नो की जगह धारन की जाने वाली जडी बूटीया व दान आदि का वर्णन निम्नलिखित है |

1-सूर्य गृह से सम्बंधित
रोग : सिरदर्द , ज्वर , नैत्रविकार , मधुमेय , पित्त रोग , हैजा , हिचकी आदि |
रत्न उपरत्न : माणिक्य , लालड़ी , तामडा , महसूरी |
जड़ी बूटिया : बेलपत्र की जड़
दान : गेंहू , लाल और पीले मिले हुए रंग के वस्त्र , लाल फल लाल मिठाई , सोने के कण , गाय, गुड और तांबा

2-चन्द्रमा से सम्बंधित :-
रोग : तिल्ली , पांडू , यकृत , कफ , उदार सम्बन्धी विकार , मनोविकार
रत्न उपरत्न : मोती , निमरू , चंद्रमणि , सफ़ेद पुखराज , ओपल
जड़ी बूटिया :खिन्नी की जड़
दान : चावल , श्वेत वस्त्र , कपूर , चांदी , शुद्ध , सफ़ेद चन्दन , वंश फल , श्वेत पुष्प , चीनी , वृषभ , दधि , मोती आदि |

3-मंगल से सम्बंधित :-
रोग : पित्त , वायु , कर्ण रोग , गुणगा , विशुचिका , खुजली , रक्त सम्बन्धी बीमारिया , प्रदर , राज , अंडकोष रोग , बवासीर आदि |
रत्न - उपरत्न : मूंगा , विद्रुम
जड़ी बूटिया : अनंत मूल की जड़
दान : लाल मक्का , लाल मसूर , लाल वस्त्र , लाल फल , लाल पुष्प

4-बुध से सम्बंधित :-
रोग : खांसी , ह्रदय रोग , वातरोग , कोढ़ , मन्दाग्नि , श्वास रोग , दम , गूंगापन
रत्न उपरत्न : पन्ना , संग पन्ना , मरगज तथा ओनिक्स
जड़ी बूटिया : विधारा की जड़
दान : हरी मुंग , हरे वस्त्र , हरे फल , हरी मिठाई , कांसा पीतल , हाथी दांत , स्वर्ण कपूर , शस्त्र , षटरस भोजन , घृत आदि

5-वृहस्पति से सम्बंधित :-
रोग : कुष्ठ रोग , फोड़ा , गुल्म रोग , प्लीहा , गुप्त स्थानों के रोग
जड़ी बूटिया : नारंगी या केले की जड़
दान : चने की दल , पीले वस्त्र , सोना , हल्दी , घी , पीले वस्त्र , अश्व , पुस्तक , मधु , लवण , शर्करा , भूमि छत्र आदि

6-शुक्र से सम्बंधित :-
रोग : प्रमेह , मंद बुद्धि , वीर्य विकार , नपुंसकता , वीर्य का इन्द्रिय सम्बन्धी रोग
रत्न उपरत्न : हिरा, करगी , सिग्मा
जड़ी बूटिया : सरपोखा की जड़
दान : चावल , चांदी , घी , सफ़ेद वस्त्र , चन्दन , दही , गंध द्रव्य , चीनी , गाय , जरकन , सफ़ेद पुष्प आदि

7-शनि से सम्बंधित :-
रोग : उन्माद , वाट रोग , भगंदर , गठिया , स्नायु रोग , टीबी , केंसर , अल्सर
रत्न उपरत्न : नीलम , नीलिमा , जमुनिया , नीला कटहल
जड़ी बूटिया : बिच्छु बूटी की जड़ या शमी की जड़

दान : काले चने , काले कपडे , जामुन फल , कला उड़द , काली गाय , गोमेद , काले जूते , तिल , उड़द , भैस , लोहा , तेल , उड़द , कुलथी , काले पुष्प , कस्तूरी सुवर्ण

7-राहू से सम्बंधित :-
रोग : अनिंद्रा , उदर रोग , मस्तिष्क रोग, पागलपन
जड़ी बूटिया : सफ़ेद चन्दन
रत्न उपरत्न : गोमेद , तुरसा , साफा
दान : अभ्रक , लौह , तिल , नीला वस्त्र , छाग , ताम्रपत्र , सप्त धान्य , उड़द , कम्बल , जोऊ , तलवार

8-केतु से सम्बंधित :-
रोग : चर्म रोग , मस्तिष्क तथा उदर सम्बन्धी रोग , जटिल रोग , अतिसार , दुर्घटना , शल्य क्रिया आदि
रत्न उपरत्न : वैदूर्य , लहसुनिया , गोदंती संगी
जड़ी बूटिया : असगंध की जड़
दान : कस्तूरी तिल , छाग , कला वस्त्र , ध्वज , सप्त धान्य , उड़द , कम्बल |
यदि औसधि से रोग तो ग्रह का प्रकोप अर्थात ग्रह की महादशा , अन्तर्दशा लगी हुई समझनी चाहिए | मंत्र जाप , रत्न ,एवं जड़ी बूटिया धारण करनी चाहिए | इससे रोग हल्का होगा और ठीक होने लगेगा | रत्न उपरत्न सम्बंधित ग्रह के वार व् नक्षत्र में धारण करने चाहिए | दान संकल्प करके ब्रह्मण या जरूरतमंद को श्रद्धापूर्वक देना चाहिए |


जोड़ों का दर्द का पक्का इलाज

 जोड़ों का दर्द का पक्का  इलाज


आलॉवेरा जूस का 3-4 माह तक नियमित इस्तेमाल करे ओर साथ  मे  पेन-अवे का इस्तेमाल करते रहे . गोली ओर .तेल  है
( कीमत 300-00 गोली , 175-00 तेल )
जोड़ों का दर्द का पक्का  इलाज
 उपरोक्त दवा के साथ साथ  किसी भी एक गोली का पर्योग साथ मे करें 
1 भैरव रस
2 आनंद भैरव रस
3 अग्निमुख रस
मे से कोई एक रस की गोली का विधि अनुसार कम से कम 60-90 दिन तक का कोर्स पूरा करें

इससे चोंट मोंच का दर्द, जोड़ों का दर्द, कमर दर्द और वात प्रकोप साइटिका आदि के कारण होने वाला दर्द दूर करने के लिए यह उपाय बहुत गुणकारी है।

पीडादायक माहवारी में आजमाएं घरेलू नुस्खे

पीडादायक माहवारी,menses problems
पीडादायक माहवारी में आजमाएं घरेलू नुस्खे
माहवारी का कष्टकारी होना महिालओं के लिए एक गंभीर समस्या  है, ऎसी महिलाओं को माहवारी यानी पीररियडय के टाइम गर्भाशय की पेशियों में भयंकर खिंचाव और मरोड होता है। पीडादायक माहवारी के कई कारण माने जाते हैं, जैसे-माहवारी के कई कारण माने जाते हैं, जैसे-माहवारी की रूकावट झिल्लीयुक्त मासिक स्त्राव, गर्भाशय का मुड जाना, डिंबाशय की सूजन आदि के इलावा माहवारी के समय संभोग करना या गलत व्यायाम, चुस्त व तंग कपडे पहनना आदि किसी भी कारण से भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है । इस्से निमन्लिखित प्रयोगोमे से कोई भी एक नुस्खे को आजमाकर पीडादायक माहवारी से छुटकारा पाया जा सकता

1- 2 से 3 ग्राम अदरक, 4 कालीमिर्च, एक बडी इलायची-इन्हें कूटकर उबलते पानी में डालें, फिर इसमें काली चाय, दूध और शक्कर मिलाएं उबालकर थोडी देर रखने के बाद गर्म-गर्म ही पीएं। पीरियड्स के दर्द से मुक्ति के लिए यह अत्यंत उपयोगी नुस्खा है।
2-माहवारी के दर्द को ठीक करने के लिए आधा चम्मच कलौंजी के बीज का चूर्ण दिन में दो बार गर्म पानी से पीडियड्स के दौरान लें। यदि दर्द बहुत ज्यादा है, तो माहवारी शुरू होने से 3-4 दिन पहले से हय विधि शुरू करें और माहवारी समाप्त होने तक जारी रखें ।

3-अगर पीडा असह्नीय हो तो अम्रितधारा की 1-2 बूंद को 5 बूंद सरसों के तेल में मिला कर पेडू पर लेप करें। इससे पीडा का शमन तुरंत होता है।

पीडादायक माहवारी की शिकार महिलाएं मीठे-नमकीन पदार्थो का संवन कम कर दें, क्योंकि इनसे पेट फूलता है और सुस्ती आती है। इस दौरान हरी सब्जियों व फलों का सेवन अधिक करें। इससे कब्ज व गैस से राहत मिलेगी।

स्वाइन फ्लू या Swine flu का घरेलू इलाज


treat ment for swine flu स्वाइन फ्लू  स्वाइन फ्लू  या इनफ्लुएंजा  का घरेलू इलाज
 स्वाइन फ्लू श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारी है, जो ए टाइप के इनफ्लुएंजा वायरस से होती है।
1 हलदी की गांठ
3 काली मिर्च
treat ment for swine flu स्वाइन फ्लू  25 तुलसी के पत्ते
2 इंच गिलोय डंडी
5 लोंग
सभी को जैकुट करके 2 गिलास पानी में काढा बनाए जब 1/2 कप पानी शेष बचे तो उतार कर छान कर इसकी 2 खुराक बनाकर लगातार इसी तरह पांच दिन तक पीने से स्वाइन फ्लू का नाश हो जाता है

सर्दी के लिए वाजीकारक नुस्खे

सर्दी के लिए वाजीकारक नुस्खे
आयुर्वेद की यहा अनेक औषधियां लिखी जा रही हैं जिनसे यौवन को बरकार रखा जा सकता है, बस आवश्यकता है तो इनके सही इसतेमाल करने की

- कौंच के बीज (शुध किए हुए), खजूर, सिंघाड़ा, दाख और उड़द इन सब को 20-20 ग्राम की मात्रा में लेकर 250 मिली पानी में मिलाकर पकाएं। जब पानी समाप्त हो जाए तो इसमें खांड, वंशलोचन, शुद्ध घी एवं शहद मिलाकर सेवन करने से शुक्र शक्ती बढ्ती है
imc shree tulsi

-यौन शक्ति को बढ़ाने व खोई हुई ताकत वापस लाने के लिए असरोल की जड़ का पावडर तथा कासनी हीरो व अरेबियन तेल लाभदायक सिद्ध होते हैं। इन औषधियों से किसी भी प्रकार के यौन संबंधी समस्याएँ होने पर इस्तेमाल करें लाभप्रद सिद्ध होगी। इस दवा को हिंदी में बबूल के रस के नाम से जाना जाता है।

-मुलेठी के 1.5 ग्राम चूर्ण को शुद्ध घी और शहद के साथ सेवन करने से भी कामेच्छा बढ़ती है।
मगर नोट करे कि शहद ओर घी को भूल कर भी ब्राबर मात्रा मे इसतेमाल न करे

-गोखरू बीज, तालमखाना बीज, शतावरी, कौंच बीज, नागबला की जड़, अतिबला की जड़ इन सब को मोटा-मोटा कूटकर कर 2.5 ग्राम की मात्रा में दूध के साथ सुबह शाम लेने से पौरुष शक्ति में बढ़ोत्तरी होती है

-शतावरी, गोखरू, विरादीकंद, शुद्ध भल्लातक, गिलोय, चित्रक, त्रिकटु, तिल, विदारीकन्द और मिश्री मिलाकर बनाया गया चूर्ण, जिसे नरसिंह चूर्ण भी कहा जाता है, एक उत्तम वाजीकारक औषधि है इसे सर्दी मे खाकर तंदरुसती व जवानी हासिल की जा सकती है।

-अकाकिया बबूल की फलियों तथा पत्तों का रस है जिसे सुखाकर टिकिया बनायी जाती है। यह दवा पेशाब में धातु तथा स्वप्न दोष के लिए अचूक औषधि है। जो व्यक्ति इस तरह के रोग से ग्रसित है उन्हें बबूल का रस 1 से 1 1/2 ग्रा. तक सेवन करना चाहिए। इसके अलावा अकाकिया अन्य बीमारियों में भी लाभकारी हैं जैसे- खूनी पेचिश, श्वेत प्रदर, आँख आना, मुँह में छाले होना आँतों में खराश गर्मी के कारण उत्पन्न होने वाली सूजन गाँठ इत्यादी मे भी फ़ायदेमंद है।


-कच्चे लहसुन की 2-3 कलियो का प्रतिदिन सेवन करना यौन-शाक्ति बढ़ाने का बेहतरीन घरेलु उपचार है तथा इस योग से कोलेस्ट्रोल को भी नियंत्रण मे रखा जा सकता है यह उत्तम दवा है

-15 ग्राम तुलसी के बीज और 30 ग्राम सफेद मुसली लेकर चूर्ण बनाएं, फिर उसमें 60 ग्राम मिश्री पीसकर मिला दें और शीशी में भरकर रख दें। 5 ग्राम की मात्रा में यह चूर्ण सुबह-शाम गाय के दूध के साथ सेवन करें इससे यौन दुर्बलता दूर होती है।

 -सालम पंजा व विदारीकन्द को ब्राबर मात्रा मे पीस कर 5 ग्राम चूर्ण में पिसी मिसरी व घी मिला लें। इस चूर्ण को खाने के बाद इसके ऊपर से मीठा ग्रम दूध पीने से वृद्ध पुरुष की भी संभोग करने की क्षमता वापस लौट आती है।

-5 ग्राम गोखरू का चूर्ण और काले तिल 10 ग्राम को बराबर मात्रा में लेकर इसे 250 मिलीलीटर बकरी के दूध में उबालकर तथा उसे ठंडा करके शहद को मिलाकर खाना चाहिए। इसका सेवन करने से हैंडप्रैक्टिस (हस्तमैथुन) से यौन क्रिया में आई कमजोरी भी समाप्त हो जाती है।

-200 ग्राम विधारा और 200 ग्राम  असगंध नागौरी व 200 ग्राम मिश्री- इन तीनों को लेकर कूट पीस लें। फिर इसे अच्छी तरह से कूट-पीसकर तथा इसे छानकर रख लें। सुबह के समय रोजाना इस चूर्ण को 2 चम्मच खा लें। उसके बाद ऊपर से मिश्री मिला हुआ गर्म-गर्म दूध को पी लें। इस चूर्ण का इस्तेमाल करने से बुजुर्ग व्यक्ति भी जवानों के समान संभोग कर सकता है।

इन सभी दवाओ पर गुड,आचार,खटाई,मसालेदार वस्तुओ का तयाग करके लगातार 40 से 60 दिन तक जरुर इसतेमाल करे व लाभ उठाए

इंद्री के आकार का छोटा या टेढा होना

इंद्री के आकार का छोटा या टेढा होना
इंद्री के आकार का छोटा होना एक आम बात है जो जैनेटिक भी हो सकता है ओर कुर्मित भी ,traetment for small body partsमगर दोनो ही दशा मे ये शारीरिक सम्‍बंधों की मधुरता को कम कर सकता है और पुरूषों को इससे आत्‍मग्‍लानि भी जाती है। वे कई बार हाथों से ही इंद्री का साइज बढ़ाने के लिए एक्‍सरसाइज करते हैं जिस्के बुरे प्रभाव भी देखने को मिलते। जिन्मे मुखय रुप मे गुपत रोगों के माहिर बन कर कुछ ठग इस तरह के प्रभावित लोगो को ठग्ते है जिनके किस्से आम तौर पर सुनने को मिलते है, स्‍ट्रांग इरेक्‍शन के लिए आप हेल्‍दी डाइट ले सकते हैं लेकिन इस समस्‍या से निजात मिलना, आपकी मेहनत और एक्‍सरसाइज करने के सही तरीके पर ही निर्भर करता है।
आपको यहा पर देसी तरीके से इंद्री की छोटे पन य़ा टेढे होने की शिकायत को सदा के लिए ठीक करने का अती कारगार फ़ारमूले के बारे मे बताते है
5 ग्राम मल्ल तेल किसी बढीया कंप्नी की सीसी ले
3 पान के पत्ते लें
नीम की सीक से मल्ल तेल को अपनी इंद्री  पर लगा कर हलके हाथ से सुपारी को छोड कर मालिश उपर की ओर करे 8-10 मिन्ट मालिश करके पान के गर्म किए हुए पत्ते बान्ध ले इस तरह हर तीसरे दिन लगातार 7 दफ़ा करे
आपकी इंद्री  के सभी दुख दूर हो जाए गे

1. अपने जेस्‍चर्स से करें: अपने हाथ से ओके साइन बनाएं और उसे पर पेनिस को रखें। इससे इंद्री को सही तरीके से सपोर्ट मिलेगा और उसका आकार स्‍वत: बढ़ेगा। इसे कम से कम 7 मिनट तक करना चाहिए।

2. अंगूठे से एक्‍सरसाइज: अपने अंगूठे को इंद्री के निचले हिस्‍से में रखें और बाकी की उंगलियों को ऊपर से नीचे लाएं। ऐसा 10 सेकेंड तक करें, इससे पेनिस टाइट हो जाएगा। ऐसा आप बेडरूम में जाने से पहले कर लें।

3. स्‍ट्रॉकिंग तरीका:इंद्री के लिए स्‍ट्रॉकिंग तरीका काफी कारगर होता है। इससे बॉडी में ब्‍लड़ सर्कुलेशन के साथ-साथ इंद्री में भी अच्‍छी तरह ब्‍लड़ सर्कुलेट होता  है।

पानी पीने के फायदे

पानी पीने के  फायदे
पानी पीने के  फायदे
किसी तरह की शारीरिक परेशानी होने पर डॉक्टर पानी पीने की सलाह देते हैं मगर यह कभी नही बताते कि पानी पीने के सही तरीके कया होते है ओर इसके कया-कया फ़ाय्दे होते हैं । दिन में कम से कम रोज़ 8 गिलास पानी पीना चाहिए। इससे आपका डायजेस्टिव सिस्टम, स्किन और बाल हेल्दी रहते हैं। पानी शरीर की गंदगी व बेकार पदार्थो को सरीर से मल मूत्र व पसीने के रासते बहार निकालता है। पानी को लेकर कई तरह की बातें सुनने को मिलती हैं। अगर पानी को सही तरीके से पीया जाए तो पानी पीने के फायदे हैं, मगर अगर गलत तरीके से पीया जाए तो इसके नुकसान भी हैं जिसके बारे मे हम पहले ही अपनी पोस्ट मे बता चुके हैं। अब हम पानी पीने के फायदों के बारे में बताते हैं।

पानी पीने के कया कया फायदे है

यहां हम आपको पानी पीने के फ़ायदे बताते है तांकि आपको पानी की कमी से होने वाली बीमारियां न घेरें। इसलिए पानी पीते समय कुछ बातों का ख़ास ध्य़ान रखें ।

1.सुबह उठते ही एक गिलास पानी पीना अच्छा होता है। इसे अपनी आदत में शामिल करें। इससे पेट साफ रहता है। पानी पीने से स्किन में रूखापन नहीं होता।

2. सुबह उठने के बाद गरम या गुनगुने पानी में शहद और नींबू डालकर पिया करें। इससे टॉक्सिक एलिमेंट
शरीर से निकल जाते हैं और इम्यून सिस्टम भी सही रहता है।

3.कुछ लोग ज़्यादा ही ठंडा पानी पीते हैं। इससे गुर्दे खराब हो सकते हैं। इसलिए ज़्यादा ठंडा पानी न पिएं।

पानी पीने के  फायदे4.अगर आप चाय या कॉफी ज्यादा पीते हैं तो उसकी जगह ग्रीन टी पिएं। इससे एनर्जी मिलती है।

5.सॉफ्ट ड्रिंक की जगह गुनगुना पानी या नींबू पानी पिया करें। आपका एनर्जी लेवल बढ़ेगा और डायजेस्टिव सिस्टम भी सही रहेगा।

6.वजन कम करने के लिए ठंडे पानी की जगह गुनगुना गर्म पानी पीना फायदेमंद होता है।

7. पानी पीने से एसिडिटी हटती है, क्योंकि पानी पेट साफ रखता है।

8. हमारा दिमाग 90 प्रतिशत पानी से बना है। पानी न पीने से भी सिर दर्द होता है।

9. पानी जोड़ों को चिकना बनाता है और जोड़ों का दर्द भी कम करता है।

10. हमारी मांसपेशियों का 80 प्रतिशत भाग पानी से बना हुआ है। इसलिए पानी पानी से मांसपेशियों की ऐंठन भी दूर होती है।

बीमारियों से भी दूर रखता है पानी:

निम्नलिखित दिक्कतें या स्थिति में भी पानी पर्याप्त मात्रा में पीना चाहिए।

- बुखार होने पर।
- ज़्यादा वर्कआउट करने पर।
- अगर आप गर्म वातावरण में हैं।
- प्यास लगे या न लगे, बीच-बीच में  पानी पीते रहें। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं रहेगी।
- बाल झड़ने पर।
- टेंशन के दौरान।
- पथरी होने पर।
- स्किन पर पिंपल्स होने पर।
- स्किन पर फंगस, खुजली होने पर।
- यूरिन इन्फेक्शन होने पर।
- पानी की कमी होने पर।
- हैजा जैसी बीमारी के दौरान।

पानी से नुकसान भी हो सकता है

पानी पीने से नुकसान भी हो सकता है

पानी पीने से नुकसान भी हो सकता है
आयुर्वेद के अनुसार गलत तरीके से पानी पीने का लाभ की बजाए हमेशा नुक्सान भी होता है आइए जाने पानी पीने के कया कया नुकसान होते हैं

आयुर्वेद के अनुसार हल्का गर्म पानी पीने से पित्त और कफ दोष नहीं होता और डायजेस्टिव सिस्टम सही रहता है। 10 मिनट पानी को उबालें और रख लें। प्यास लगने पर धीरे-धीरे पीते रहें। ऐसा करने से यह पता चलता है कि आप दिन में कितना पानी पीते हैं और कितने समय में पीते हैं। आप पानी उबालते समय उसमें अदरक का एक टुकड़ा भी डाल सकते हैं। इससे फायदा होगा।
उबालने के बाद ठंडा हुआ पानी कफ और पित्त को नहीं बढ़ाता, लेकिन एक दिन या उससे ज़्यादा हो जाने पर वही पानी नहीं पीना चाहिए, क्योंकि बासी हो जाने पर पानी में कुछ ऐसे जीवाणु विकसित हो जाते हैं, जो स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते हैं। बासी पानी वात, कफ और पित्त को बढ़ाता है ।

पानी पीने के कया नुकसान है

1- ज़रूरत से ज़्यादा पानी पीने से किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।

2- पानी के ओवरडोज़ से आपके शरीर के सेल्स डैमेज हो सकते हैं।

3- जिन मरीज़ों की बाय-पास सर्जरी हुई है, उनमें से कुछ मामलों में भी डॉक्टर्स पानी कम पीने की सलाह देते हैं।

4- जरूरत से ज्यादा पानी पीने से हमारे शरीर में मौजूद वह पाचन रस काम करना बंद कर देता है, जिससे खाना पचता है। इस वजह से खाना देर से पचने लगता है और कई बार खाना पूरी तरह से डाइजेस्ट भी नहीं हो पाता है।

5- हेल्थ विशेषज्ञों के अनुसार, खाने के बाद ठंडा पानी पीने से आपको नुकसान पहुंच सकता है। दरअसल, गर्म खाने के बाद आप जैसे ही ठंडा पानी पीते हैं, शरीर में खाया हुआ ऑयली खाना जमने लगता है। इससे आपकी पाचन शक्ति भी कम हो जाती है। बाद में यह फैट में भी तबदील हो जाता है। इसलिए खाने के बाद गर्म पानी पीने की सलाह दी जाती है।

पानी पीने से जुडी कुछ ज़रूरी साव्धानीयां

1- धूप से घर आकर तुरंत पानी न पिएं। यह खतरनाक हो सकता है।

2-कई दफ़ा खाली पेट ठंडा पानी पीने से सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियां हो जाती हैं ओर कई दफ़ा पेट मे गोला बन जाता है जिसका दर्द खतरनांक भी हो सकता है।

3- खाने के तुरंत बाद पानी पीने से फैट बढ़ता है और आप अपने आप को आलसी महसूस करते हैं सरीर मे सुसती आती है।

4- चिकनाई वाले खाने या खरबूजा, खीरा के तुरंत बाद पानी पीने से खांसी, जुकाम व हैजा इत्यादी हो सकता है।

5- कई लोगों को पानी पीने से एसिडिटी की भी शिकायत होती है।

टिप्स फ़ोर लिप्स

टिप्स फ़ोर लिप्स
टिप्स फ़ोर लिप्स
अब आपके काले होंठ बन सकते हैं सदा के लिए  गुलाबी मुलायम और आकर्ष्क

अगर होंठों का रंग गुलाबी हो, तो बेदम चेहरा भी खिला-खिला  हुआ सा दिखता है। लेकिन अगर आपके होंठ काले रंग के हैं, तो आप उन्हें मुलायम और गुलाबी बना सकते हैं। इन हमारे घरेलू उपायों से आपको कैमिकल रिएक्शन का भी डर नहीं रहेगा। तो इस तरह करें अपने कीमती लिप्स की देखभाल ।

होंठों को गुलाबी बनाने के लिए टिप्स

1- पहले अपने होठों पर घटिया किसम की या सस्ती लिपस्टिक लगाना पूरी तरह से बंद कर दें। अगर लिपस्टिक की क्वालिटी अच्छी नहीं है, तो आपके होंठ काले या उसकी ऊपरी सतह काली पड़ने लगती है जो अक्सर होंठ काले बीडी या सिग्रेट पीने से ही हुआ करते है तो आप भी धूम्र्पान पुरी तरह से बन्द कर दे । इसलिए अच्छी कंपनी का लिप कलर लगाएं। इससे होंठों में नमी बरकरार रहती है। नरम और स्वस्थ होंठ पाने के लिए मॉइश्चराइज़र रिच लिपस्टिक अच्छी रहती है।

2- अपने पती को अधिक देर तक होंठ मत चूसने दे अधिक देर तक चूसने से होंठ लटक जाते है व इनकी रंगत खराब हो जाती है, रात को सोने से पहले बादाम का तेल होंठों पर लगाएं। इस्से होठों का रंग कुछ ही समय में ठीक हो जाता है।

3-रूखे और पपड़ीदार होंठ सही समय पर ठीक न किए जाएं, तो भी होंठ काले पड़ जाते हैं। अपने पर्स में लिप गार्ड हमेशा अपने साथ रखें। जब भी होंठ रूखे महसूस हों, तुरंत लिप गार्ड लगा लें।

4- गर्मियों में धूप से झुलसी त्वचा और होंठों पर खीरे-ककडी का रस जरुर लगाएं। यह त्वचा और काले होंठों का रंग हल्का होगा।

लिपस केयर टिप्स-

5-नींबू और शहद का सीरम बनाने के लिए बराबार मात्रा में नींबू और शहद मिलाएं। इसे होंठों पर 20 मिनट तक हर रोज लगाकर रखें।

6-ज़्यादा चाय और कॉफी न पिएं। कॉफी में मौजूद कैफीन से होंठों का रंग काला पड़ता है। ज़्यादा पानी पिएं। डीहाइड्रेशन की वजह से होंठ सूखने लगते हैं और होंठों का रंग दबने लगता है। जूस की गिनती पानी के रूप में न करें। कम से कम 8 गिलास पानी पीना पर्याप्त है।

7-पीपते और मिल्क क्रीम को एक साथ मिलाएं। होंठों पर 15 मिनट तक लगा कर रखें और ठंडे पानी से धोकर लिप बाम लगाएं। इससे होंठों को पौष्टिकता और नमी मिलती है।

8-नींबू के रस और चीनी के पाउडर से होंठों को स्क्रब करें। इससे डेड स्किन निकल जाती है। इसे आप रोज़ भी लगा सकते हैं।

सफेद दाग फ़ुलहरी रोग

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सफेद दाग फ़ुलहरी रोग

*अनार का सेवन इस रोग में बहुत ही लाभदायक है। अनार के पत्तों के रस को शहद के साथ सेवन करने से लाभ होता है।

*10 ग्राम लाल चंदन और 10 ग्राम अनारदाना को पीसकर सहदेवी के रस में मिलाकर गोलियां बना लें। इन गोलियों को घिसकर पानी के साथ लेप करने से बहुत लाभ होता है।

*अनार के पत्तों को छाया में सुखाकर बारीक पीस लें और कपड़े में छान लें। इस चूर्ण की 8-8 ग्राम सुबह और शाम ताजे पानी से फंकी लें।
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