टिप्स फ़ोर लिप्स

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अब आपके काले होंठ बन सकते हैं सदा के लिए  गुलाबी मुलायम और आकर्ष्क

अगर होंठों का रंग गुलाबी हो, तो बेदम चेहरा भी खिला-खिला  हुआ सा दिखता है। लेकिन अगर आपके होंठ काले रंग के हैं, तो आप उन्हें मुलायम और गुलाबी बना सकते हैं। इन हमारे घरेलू उपायों से आपको कैमिकल रिएक्शन का भी डर नहीं रहेगा। तो इस तरह करें अपने कीमती लिप्स की देखभाल ।

होंठों को गुलाबी बनाने के लिए टिप्स

1- पहले अपने होठों पर घटिया किसम की या सस्ती लिपस्टिक लगाना पूरी तरह से बंद कर दें। अगर लिपस्टिक की क्वालिटी अच्छी नहीं है, तो आपके होंठ काले या उसकी ऊपरी सतह काली पड़ने लगती है जो अक्सर होंठ काले बीडी या सिग्रेट पीने से ही हुआ करते है तो आप भी धूम्र्पान पुरी तरह से बन्द कर दे । इसलिए अच्छी कंपनी का लिप कलर लगाएं। इससे होंठों में नमी बरकरार रहती है। नरम और स्वस्थ होंठ पाने के लिए मॉइश्चराइज़र रिच लिपस्टिक अच्छी रहती है।

2- अपने पती को अधिक देर तक होंठ मत चूसने दे अधिक देर तक चूसने से होंठ लटक जाते है व इनकी रंगत खराब हो जाती है, रात को सोने से पहले बादाम का तेल होंठों पर लगाएं। इस्से होठों का रंग कुछ ही समय में ठीक हो जाता है।

3-रूखे और पपड़ीदार होंठ सही समय पर ठीक न किए जाएं, तो भी होंठ काले पड़ जाते हैं। अपने पर्स में लिप गार्ड हमेशा अपने साथ रखें। जब भी होंठ रूखे महसूस हों, तुरंत लिप गार्ड लगा लें।

4- गर्मियों में धूप से झुलसी त्वचा और होंठों पर खीरे-ककडी का रस जरुर लगाएं। यह त्वचा और काले होंठों का रंग हल्का होगा।

लिपस केयर टिप्स-

5-नींबू और शहद का सीरम बनाने के लिए बराबार मात्रा में नींबू और शहद मिलाएं। इसे होंठों पर 20 मिनट तक हर रोज लगाकर रखें।

6-ज़्यादा चाय और कॉफी न पिएं। कॉफी में मौजूद कैफीन से होंठों का रंग काला पड़ता है। ज़्यादा पानी पिएं। डीहाइड्रेशन की वजह से होंठ सूखने लगते हैं और होंठों का रंग दबने लगता है। जूस की गिनती पानी के रूप में न करें। कम से कम 8 गिलास पानी पीना पर्याप्त है।

7-पीपते और मिल्क क्रीम को एक साथ मिलाएं। होंठों पर 15 मिनट तक लगा कर रखें और ठंडे पानी से धोकर लिप बाम लगाएं। इससे होंठों को पौष्टिकता और नमी मिलती है।

8-नींबू के रस और चीनी के पाउडर से होंठों को स्क्रब करें। इससे डेड स्किन निकल जाती है। इसे आप रोज़ भी लगा सकते हैं।

सफेद दाग फ़ुलहरी रोग

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सफेद दाग फ़ुलहरी रोग

*अनार का सेवन इस रोग में बहुत ही लाभदायक है। अनार के पत्तों के रस को शहद के साथ सेवन करने से लाभ होता है।

*10 ग्राम लाल चंदन और 10 ग्राम अनारदाना को पीसकर सहदेवी के रस में मिलाकर गोलियां बना लें। इन गोलियों को घिसकर पानी के साथ लेप करने से बहुत लाभ होता है।

*अनार के पत्तों को छाया में सुखाकर बारीक पीस लें और कपड़े में छान लें। इस चूर्ण की 8-8 ग्राम सुबह और शाम ताजे पानी से फंकी लें।

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चेहरे की झुर्रियां या मांस का ढीलापन

चेहरे की झुर्रियां या मांस का ढीलापन
*अनार के पत्ते, छिलका, फूल, कच्चे फल और जड़ की छाल सबको एक समान मात्रा में लेकर, मोटा, पीसकर, दुगना सिरका, तथा 4 गुना गुलाबजल में भिगायें। 4 दिन बाद इसमें सरसों का तेल मिलाकर धीमी आंच पर पकायें। तेल मात्र शेष रहने पर छानकर बोतल में भरकर रख लें। इस तेल को रोज स्तनों पर मालिश करें तो स्तनों की शिथिलता में इससे लाभ होता है। इसके साथ ही जिनके शरीर में झुर्रियां पड़ गई हों, मांसपेशियां ढीली पड़ गई हो उन्हें भी इस तेल की मालिश से निश्चित लाभ होता है।

*अनार के पत्तों को कुचलकर 1 किलो रस निकाल लें, इसमें आधा किलो मीठा तेल (तिल का तेल) मिलाकर धीमी आंच पर पकायें। केवल तेल शेष बचने पर तेल को छानकर बोतलों में भर कर रख लें। दिन में 2-3 बार मालिश करने से मांसपेशियों के ढीलेपन में लाभ होता है।

*अनार के फल के 1 किलो छिलके को 4 किलो पानी में डालकर उबाल लें, जब पानी 1 किलो शेष रह जाये तो उसमें 250 ग्राम सरसों का तेल डालकर तेल गर्म कर लें। इस तेल की मालिश करने से कुछ ही दिनों में शरीर की मांसपेशियों का ढीलापन दूर हो जाता है और चेहरे की झुर्रियां मिटती हैं तथा त्वचा में निखार आ जाता है।"

गुपत रोग



गुपत रोगगुपत रोग
इस खंड मे गुपत रोगों के बारे मे पढोगे
. पेशाब का अधिक मात्रा में आना (बहुमूत्र) रोग

1 चम्मच अनार के छिलकों का चूर्ण एक कप पानी के साथ दिन में 3 बार सेवन करें। इससे बहुमूत्र का रोग नष्ट हो जाता है।
*अनार के छिलकों को छाया में सुखाकर बारीक चूर्ण बना लें। 3 ग्राम चूर्ण सुबह-शाम पानी के साथ लेने से बार-बार पेशाब जाने से छुटकारा मिलता है।"

 शरीर की गर्मी: -अनार का रस पानी में मिलाकर पीने से गर्मी के दिनों में बढ़ी शरीर की गर्मी दूर होती है।

गर्भस्राव: -लगभग 100 ग्राम अनार के ताजा पत्तों को पीसकर पानी में
छानकर पिलाने से और पत्तों का रस पेडू पर लेप करने से गर्भस्राव रुक जाता है
 अत्यधिक मासिक स्राव (अत्यार्तव): -अनार के सूखे छिलके पीसकर छान लें। इस चूर्ण को 1 चम्मच भर की मात्रा में दिन में 2 बार सेवन करने से रक्तस्राव बंद हो जाता है। नोट : शरीर के किसी भी भाग से खून निकल रहा हो, उसे रोकने में भी इस विधि का उपयोग किया जा सकता है।

कामशक्तिवर्धक: -प्रतिदिन मीठा अनार खाने से पेट मुलायम रहता है तथा कामेन्द्रियों को बल मिलता है।

 गर्भवती स्त्री की शारीरिक शक्ति की वृद्धि हेतु: -
*अनार के पत्तों की चटनी, घिसा हुआ चंदन, थोड़ा-सा दही और शहद मिलाकर गर्भवती स्त्री को पिलाने से गर्भस्थ शिशु व गर्भवती स्त्री की बल वृद्धि होती है।
*खट्टे-मीठे अनार के रस या शर्बत के सेवन से गर्भावस्था की उल्टी शांत हो जाती है तथा मीठे अनार के दाने खाने से गर्भवती स्त्री के कमजोर रहने वाले हृदय और शरीर में सुधार होता है तथा गर्भवती महिला की दुर्बलता भी दूर होती है।"

 स्त्रियों के स्तनो को सुडौल, सख्त और आकर्षक बनाना
*एक तरोताजा अनार को पीस लें। इसे 200 या 250 ग्राम सरसों के तेल में डालकर गर्म कर लें। इस तेल की मालिश नियमित रूप से स्तनों पर करते रहने से स्त्रियों के स्तन उन्नत, सुडौल, सख्त और सौंदर्ययुक्त बन जाता है।
*अनार की छाल लगभग एक किलो और माजूफल 125 ग्राम को 2 लीटर पानी में डालकर पकायें जब पानी आधा बच जाये तब इसे छानकर रख लें, फिर इसी में 125 ग्राम तिल्ली का तेल डालकर पकाकर स्तनों पर लेप करने से स्तन कठोर होते हैं।"
मूत्राघात (पेशाब के साथ धातु का जाना)

*लगभग 50 ग्राम अनार के रस में छोटी इलायची के बीजों का चूर्ण और सोंठ का चूर्ण आधा-आधा ग्राम . स्वप्नदोष गुपत रोगमिलाकर पीने से मूत्राघात में बहुत लाभ होता है।
*अनार के रस में छोटी इलायची के बीज और सोंठ का चूर्ण मिलाकर पिलाने से मूत्राघात में बहुत लाभ मिलता है।
*अनार के पत्ते 10 ग्राम और हरा गोखरू 10 ग्राम दोनों को 150 ग्राम पानी में पीस-छानकर सेवन करने से मूत्राघात की शिकायत दूर हो जाती है।"

 गर्भधारण की क्षमता में वृद्धि करना
*अनार की ताजी, कोमल कलियां पीसकर पानी में मिलाकर, छानकर पीने से गर्भधारण की क्षमता में वृद्धि होती है।
 गर्भाशय भ्रंश (गर्भाशय का बाहर आना): -गर्भाशय के बाहर निकल आने पर भी अनार गुणकारी है। छाया में सुखाये अनार के पत्तों का चूर्ण 6-6 ग्राम सुबह-शाम ताजे पानी के साथ सेवन कराने से स्त्रियों को लाभ होता है।
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