चेहरे की झुर्रियां या मांस का ढीलापन

चेहरे की झुर्रियां या मांस का ढीलापन
*अनार के पत्ते, छिलका, फूल, कच्चे फल और जड़ की छाल सबको एक समान मात्रा में लेकर, मोटा, पीसकर, दुगना सिरका, तथा 4 गुना गुलाबजल में भिगायें। 4 दिन बाद इसमें सरसों का तेल मिलाकर धीमी आंच पर पकायें। तेल मात्र शेष रहने पर छानकर बोतल में भरकर रख लें। इस तेल को रोज स्तनों पर मालिश करें तो स्तनों की शिथिलता में इससे लाभ होता है। इसके साथ ही जिनके शरीर में झुर्रियां पड़ गई हों, मांसपेशियां ढीली पड़ गई हो उन्हें भी इस तेल की मालिश से निश्चित लाभ होता है।

*अनार के पत्तों को कुचलकर 1 किलो रस निकाल लें, इसमें आधा किलो मीठा तेल (तिल का तेल) मिलाकर धीमी आंच पर पकायें। केवल तेल शेष बचने पर तेल को छानकर बोतलों में भर कर रख लें। दिन में 2-3 बार मालिश करने से मांसपेशियों के ढीलेपन में लाभ होता है।

*अनार के फल के 1 किलो छिलके को 4 किलो पानी में डालकर उबाल लें, जब पानी 1 किलो शेष रह जाये तो उसमें 250 ग्राम सरसों का तेल डालकर तेल गर्म कर लें। इस तेल की मालिश करने से कुछ ही दिनों में शरीर की मांसपेशियों का ढीलापन दूर हो जाता है और चेहरे की झुर्रियां मिटती हैं तथा त्वचा में निखार आ जाता है।"

गुपत रोग



गुपत रोगगुपत रोग
इस खंड मे गुपत रोगों के बारे मे पढोगे
. पेशाब का अधिक मात्रा में आना (बहुमूत्र) रोग

1 चम्मच अनार के छिलकों का चूर्ण एक कप पानी के साथ दिन में 3 बार सेवन करें। इससे बहुमूत्र का रोग नष्ट हो जाता है।
*अनार के छिलकों को छाया में सुखाकर बारीक चूर्ण बना लें। 3 ग्राम चूर्ण सुबह-शाम पानी के साथ लेने से बार-बार पेशाब जाने से छुटकारा मिलता है।"

 शरीर की गर्मी: -अनार का रस पानी में मिलाकर पीने से गर्मी के दिनों में बढ़ी शरीर की गर्मी दूर होती है।

गर्भस्राव: -लगभग 100 ग्राम अनार के ताजा पत्तों को पीसकर पानी में
छानकर पिलाने से और पत्तों का रस पेडू पर लेप करने से गर्भस्राव रुक जाता है
 अत्यधिक मासिक स्राव (अत्यार्तव): -अनार के सूखे छिलके पीसकर छान लें। इस चूर्ण को 1 चम्मच भर की मात्रा में दिन में 2 बार सेवन करने से रक्तस्राव बंद हो जाता है। नोट : शरीर के किसी भी भाग से खून निकल रहा हो, उसे रोकने में भी इस विधि का उपयोग किया जा सकता है।

कामशक्तिवर्धक: -प्रतिदिन मीठा अनार खाने से पेट मुलायम रहता है तथा कामेन्द्रियों को बल मिलता है।

 गर्भवती स्त्री की शारीरिक शक्ति की वृद्धि हेतु: -
*अनार के पत्तों की चटनी, घिसा हुआ चंदन, थोड़ा-सा दही और शहद मिलाकर गर्भवती स्त्री को पिलाने से गर्भस्थ शिशु व गर्भवती स्त्री की बल वृद्धि होती है।
*खट्टे-मीठे अनार के रस या शर्बत के सेवन से गर्भावस्था की उल्टी शांत हो जाती है तथा मीठे अनार के दाने खाने से गर्भवती स्त्री के कमजोर रहने वाले हृदय और शरीर में सुधार होता है तथा गर्भवती महिला की दुर्बलता भी दूर होती है।"

 स्त्रियों के स्तनो को सुडौल, सख्त और आकर्षक बनाना
*एक तरोताजा अनार को पीस लें। इसे 200 या 250 ग्राम सरसों के तेल में डालकर गर्म कर लें। इस तेल की मालिश नियमित रूप से स्तनों पर करते रहने से स्त्रियों के स्तन उन्नत, सुडौल, सख्त और सौंदर्ययुक्त बन जाता है।
*अनार की छाल लगभग एक किलो और माजूफल 125 ग्राम को 2 लीटर पानी में डालकर पकायें जब पानी आधा बच जाये तब इसे छानकर रख लें, फिर इसी में 125 ग्राम तिल्ली का तेल डालकर पकाकर स्तनों पर लेप करने से स्तन कठोर होते हैं।"
मूत्राघात (पेशाब के साथ धातु का जाना)

*लगभग 50 ग्राम अनार के रस में छोटी इलायची के बीजों का चूर्ण और सोंठ का चूर्ण आधा-आधा ग्राम . स्वप्नदोष गुपत रोगमिलाकर पीने से मूत्राघात में बहुत लाभ होता है।
*अनार के रस में छोटी इलायची के बीज और सोंठ का चूर्ण मिलाकर पिलाने से मूत्राघात में बहुत लाभ मिलता है।
*अनार के पत्ते 10 ग्राम और हरा गोखरू 10 ग्राम दोनों को 150 ग्राम पानी में पीस-छानकर सेवन करने से मूत्राघात की शिकायत दूर हो जाती है।"

 गर्भधारण की क्षमता में वृद्धि करना
*अनार की ताजी, कोमल कलियां पीसकर पानी में मिलाकर, छानकर पीने से गर्भधारण की क्षमता में वृद्धि होती है।
 गर्भाशय भ्रंश (गर्भाशय का बाहर आना): -गर्भाशय के बाहर निकल आने पर भी अनार गुणकारी है। छाया में सुखाये अनार के पत्तों का चूर्ण 6-6 ग्राम सुबह-शाम ताजे पानी के साथ सेवन कराने से स्त्रियों को लाभ होता है।

कैंसर का इलाज

 कैंसर का इलाज

कैंसर का इलाज के लिए तसल्ली ज़रूरी है क्योकि
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 संपूर्ण इलाज अभी तक ईजाद नही हो पाया है मगर अभी तक के इलाज मे रोगी का दर्द घटाया जा सकता है ओर रोगी की आयु को बढ़ाया जा सकता है

 कैंसर का इलाज
1- हर रोज सुबह शाम मरीज को हिमालयण बेरी जूस 2- 2 चमच नियमित दे व निमनलिख़त दवा लगातार दें  एलो वेरा रस की 2 चमच दोपहर एक समय दे  I
2-श्री तुलसी की 1-1 बूँद चाय या पानी में मिला कर देते रहे I
3 ताजी हल्दी की गाँठ का रस निकल कर 2-2 चमच सुबह शाम दें4-गाय जो लाल रंग की हो का मूत्र 1/2 गिलास रात के समय रोगी को पीने को दे या हमारी कंपनी से मंगवा लें I
ये इलाज 3 माह का है मगर आप 40 दिन तक दवा देने के बाद टेस्ट करवा कर देख लें नतीजा आपके सामने होगा I

 कैंसर के रोगी को कम से कम दिन मैं दो दफ़ा हिमालयन बेरी जूस 2-2 चम्च ज़रूर देना चाहिए जो सुबह खाली पेट ओर रत को सोते समय दें
2- एलो-वेरा जूस 2-2 चम्च दोनो सम्य खाने से तुरंत पहले दे
3-पानी देते वक्त हर बार गो मूत्र 1-1 चम्च पानी मैं मिला कर दें
अगर रोगी को दर्द की शिकायत अधिक हो है पेन अवे तेल की मालिश करे
उपरोक्त सभी दवाई हमसे मंगवा सकते है या नज़दीकी आइ एम सी स्टोर से ला सकते है
रोगी को जितना हो सके तवे की बनी हुई रोटी / चपाती ना दे
रोगी को गेहूँ के जवारे का रस जितना संभव हो सके अधिक मात्रा मे दें   
सहायक् उपचार मैं           
कटार जिसे सौर्सोप, भी कहा जाता है ,जो एक  पेड़ का फ़ल है ओर इसे आम्तौर पर सबजी के रुप मे इसतेमाल किया जाता है 
कैंसर स्तन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और फेफड़ों के कैंसर
इसके फल सभी प्रकार के कैंसर स्तन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और फेफड़ों के कैंसर के खिलाफ बहुत कुशलता से काम करता है. .
यह घातक कोशिकाओं को ही निशाना बनाता है. इस प्रकार यह कैंसर के सब प्रकार के उपचार में बहुत प्रभावी है पाया गया है कि जैसे दुष्प्रभाव, बालों के झड़ने, वजन घटाने, मितली आदि से बचाता है.
कई सक्रिय यौगिकों और रसायनों इसकी पत्ती, तना, छाल, और फल के बीज में, सौर्सोप में विशेष अननॉनसेओस असेटोगेणिंस पाया गया है. सौर्सोप में रसायनों और असेटोगेणिंस  कैंसर विरोधी तुमोरौस, और विरोधी वायरल गुण प्रदर्शित करता है. सौर्सोप में पाया ये असेटोगेणिंस केवल कैंसर ट्यूमर कोशिकाओं के लिए अत्यधिक प्रभावी:है फेफड़े, स्तन, प्रोस्टेट, अग्नाशय, पेट, जिगर, लिंफोमा, बहु - दवा प्रतिरोधी मानव स्तन, डिम्बग्रंथि, गर्भाशय ग्रीवा, मूत्राशय और त्वचा कैंसर और अन्य. केन्सर को भी बड़ी मजबूती के साथ लाभ देता है
इसकी सब्जी बना कर इस्तेमाल  करना भी लाभ करी है

सर्दी मे तवचा के लिए घरेलू फ़ेस पैक

सर्दी मे तवचा के लिए घरेलू फ़ेस पैक

टमाटर का फेस पैक

सर्दी मे तवचा के लिए घरेलू फ़ेस पैक

एक कटोरी में मध्यम आकार के टमाटर का पेस्ट और चार-पांच बूंद नीबू का रस डालकर अच्छी तरह से मिलाएं। अपनी उंगलियों की मदद से इस मिश्रण को चेहरे पर लगाएं और हल्के हाथों से चेहरे पर मसाज करें। इस फेस पैक को चेहरे पर 15 मिनट तक लगा रहने दें और उसके बाद चेहरा साफ कर लें। इस फेस पैक से चेहरे की त्वचा में कसाव आएगा और त्वचा मुलायम व चमकदार बनेगी।

पत्ता गोभी और खमीर फेस पैक

vसर्दी मे तवचा के लिए घरेलू फ़ेस पैकमिक्सर ग्राइंडर में एक चम्मच शहद, पत्ता गोभी के दो-तीन पत्ते और दो चम्मच खमीर डालकर पेस्ट तैयार करें। इस फेस पैक को चेहरे पर 15 मिनट तक लगाकर रखें। अब गुनगुने पानी से चेहरे को साफ करें। यह एक प्राकृतिक एस्ट्रीजेंट है, इससे त्वचा की रंगत में निखार आएगा।
खुबानी (एप्रिकॉट)-ऑलिव ऑयल फेस पैक
एक कटोरी में मध्यम आकार का खुबानी फ़ल और दो-तीन चम्मच गुनगुना ऑलिव (जैतून के तेल ) डालकर पेस्ट तैयार करें। इस पेस्ट को चेहरे पर 10 मिनट के लिए लगाएं। चेहरे को 10 मिनट बाद पानी से साफ कर लें। चेहरा खिल उठेगा।

पत्ता गोभी के पत्ते व ऑलिव ऑयल फेस पैक

दो गोभी के पत्ते कों कुछ देर थोड़े-से ऑलिव ऑयल (जैतून के तेल ) में डुबोकर रखें। अब इस पत्ते पर नीबू का रस डालें और पत्ते को अपने चेहरे पर रखकर चेहरे को गीले पेपर टॉवल से ढक लें। 10 मिनट बाद पत्ते को हटाएं और रुई की मदद से चेहरे पर से ऑलिव ऑयल को हटा दें। गुनगुने पानी से चेहरा धो लें।

पपीता और जौ के आटे का फेस पैक

अगर किसी कारण चेहरे की रंगत खराब हो गई है तो उसे ठीक करने में भी यह फेस पैक मदद कर सकता है । मझोले आकार के पके हुए पपीते को छीलकर काटें और बीज निकाल दें। पपीते के कुछ टुकड़े को एक कटोरी में डालकर मथ लें और उसमें एक चम्मच जौ का आटा, एक नीबू का रस और दो देसी अंडों की सफेदी डालकर पेस्ट बना लें। इस फेस पैक को 15 मिनट तक चेहरे पर लगाकर रखें और फिर गुनगुने पानी से बिना साबुन लगाए चेहरा साफ कर लें आप्की खोई हुई चेहरे की रंगत लोट आएगी ।

सफ़ैद पानी की दवा

सफ़ैद पानी की दवा
leucorrhoea

सफ़ैद पानी जिस को लकोरीया भी कहते हैं की दवा यह है कि:-
1-सफ़ैद चावल दो छोटे चमच ले कर रात को भिगो दे ओर सुबह इन्को मसल कर पानी निकाल लें
जो आधा कप हो I
दुसरा हरी दुभ घास जिसको दुर्वा भी कह्ते है सुबह सुबह तकरीबन बीस ग्राम ले कर कुट पीस  कर इस्का पानी निकाल ले जो तकरीबन 2-3 चमच हो अब दोनो को मिला कर रोगी को हर रोज खाली पेट पिला दें ओर लगातार पन्द्रह दिन करे I
2- साथ मे रात को सोते समय हर रोज एक माह तक बैध नाथ का सुपारी पाक एक चमच दूध के साथ देते रहे I

प्रहेज-गरम,अधिक चिक्नाई दार चीजें, मसाले दार चीजें,इम्ली की खटाई,आचार,गुड, गुड से बनी वस्तूए,आम्चूर के उत्पाद,व कामुक्ता इत्यादी का सखत परहेज रखे I
एक माह मे ये बीमारी जाती रहेगी अगर आप चाह्ते/ चाह्ती हैं कि ये नामुराद बीमारी सदा के लिए जाती रहे तो उक्त चावल वाला प्र्योग 2 माह तक करें ओर सुपारी पाक वाला 3 माह तक लगातार करे I

दिमाग एकदम तेज चलने लगेगा

mind desiese

दिमाग एकदम तेज चलने लगेगा

 बादाम की गिरी के 5 नग रात को पानी में गलाएं। सुबह छिलके उतारकर बारीक पीस कर पेस्ट बना लें। अब एक गिलास दूध गरम करें और उसमें बादाम का पेस्ट घोलें। इसमें 2 चम्मच शहद भी डालें और ग्रहण करें। यह मिश्रण पीने के बाद दो घंटे तक कुछ न लें।
> अखरोट भी स्मरण शक्ति बढाने में सहायक है। इसका नियमित उपयोग हितकर है। 20 ग्राम अखरोट और साथ में 10 ग्राम किशमिश लेना चाहिए।

 > ब्राह्मी बूटी दिमागी शक्ति बढ़ाने की मशहूर जड़ी-बूटी है। इसका एक चम्मच रस रोज पीना लाभदायक होता है। इसके 7 पत्ते चबाकर खाने से भी वही लाभ मिलता है। ब्राह्मी मे एन्टी ऑक्सीडेंट तत्व होते हैं जिससे दिमाग की शक्ति बढऩे लगती है।
> दालचीनी के 10 ग्राम पाउडर को शहद में मिलाकर चाट लें। कमजोर दिमाग की अच्छी दवा है।अदरक ,जीरा और मिश्री तीनों को पीसकर लेने से कमजोर याददाश्त की स्थिति में लाभ होता है। 

अगर आपका दिमाग़ तेज नही है या आपकी याददासत / समरन शकती कमजोर है तो हमारे अनुभवी नुखसे अपनाए आपकी दिमाग़ सबंधी सारी समस्या ख़तम हो जाएगी ओर अपपकी दिमागी शक्ति एकदम दुरुस्त हो जाएगी
1- बादाम की गिरी के 5 नग रात को पानी में गलाएं। सुबह छिलके उतारकर बारीक पीस कर पेस्ट बना लें। अब एक गिलास दूध गरम करें और उसमें बादाम का पेस्ट घोलें। इसमें 2 चम्मच शहद भी डालें और ग्रहण करें। यह मिश्रण पीने के बाद दो घंटे तक कुछ न लें।
2- अखरोट भी स्मरण शक्ति बढाने में सहायक है। इसका नियमित उपयोग हितकर है। 20 ग्राम अखरोट और साथ में 10 ग्राम किशमिश लेना चाहिए।
3- ब्राह्मी बूटी दिमागी शक्ति बढ़ाने की मशहूर जड़ी-बूटी है। इसका एक चम्मच रस रोज पीना लाभदायक होता है। इसके 7 पत्ते चबाकर खाने से भी वही लाभ मिलता है। ब्राह्मी मे एन्टी ऑक्सीडेंट तत्व होते हैं जिससे दिमाग की शक्ति बढऩे लगती है।
4- दालचीनी के 10 ग्राम पाउडर को शहद में मिलाकर चाट लें। कमजोर दिमाग की अच्छी दवा है।अदरक ,जीरा और मिश्री तीनों को पीसकर लेने से कमजोर याददाश्त की स्थिति में लाभ होता है।
उपर दी गयी  किसी भी दवा का इस्तेमल्ल आप अपनी सुविधा अनुसार कर सकते हैं ओर साथ मैं श्री तुलसी की 1-1 बूँद पानी मैं डालकर सुबह शाम पीते रहे 60 दिन लगातार इस्तेमाल करे पूरा लाभ होगा

डायबिटीज बुरी नही है सिर्फ़ डायबिटीज का रोग बुरा है

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बिछूबूटी,सदाबहार बूटी,रतन जोत के फ़ूल- डायबिटीज बुरी नही है सिर्फ़ डायबिटीज का रोग बुरा है । डायबिटीज के बगैर तो आपका सरीर चल फ़िर ही नही सक्ता समझ्ने  की बात तो यह है कि डायबिटी के बगैर हम जी भी नही सकते बुरा सिर्फ़ डायबिटीज रोग है जो इस्के बढने या घटने की चाल को कह्ते हैं  जब हमारा सरीर शूगर  की मात्रा पर कन्ट्रोल करना कम कर देता है तो इस्की मात्रा घटने या बढने लग जाती है तो इस्को डायबिटीज रोग कहा जाता है । यह एक घातक किसम का रोग है जो मानव जिसम को अन्दर से खोख्ला कर देता है । इस रोग मे रोगी को धैर्य रखना अती जरुरी है डायबिटीज का रोगी अगर धैर्य रख कर इलाज शुरु करे ओर संयमित रहे ओर प्रहेज रखे तो ये नही हो सकता  कि डायबिटीज का रोग आपके सरीर मे रहे ।
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- इस्का सबसे आसान व सस्ता इलाज मोजूद है मगर बात वही धैर्य रख कर इस पर कन्ट्रोल करने की है ।
इस्के इलाज के लिए शाम को ३ बजे बैंगनी रंग के बिछूबूटी के तीन फ़ूल लें (दोपहर खिडी, जिस्को रतन जोत, सदा बहार, ओर बिछूबूटी के नाम से भी जाना जाता है इस्के बैंगनी व सफ़ैद रंग के फ़ूल होते है ) ओर १०० ग्राम पानी गर्म करके इस पानी को एक कांच के गिलास मे डाल कर इस गर्म पानी मे ये तीनो फ़ूल डाल दे ओर सुबह होने तक ढक कर रख दें
सुबह खाली पेट यह पानी पी लें ओर आधा घन्टा बाद तक कुछ नही खाना पीना है।
 आधे घनटे के बाद हिमालय़्न बेरी जूस १० ग्राम ले गरम पानी से लें
इस तरह लगातार तीन दिन लेकर फ़ूल वाला पानी एक हफ़ता छोड दें हिमालय़्न बेरी जूस छह माह तक लगातार लेते रहें ।
फ़ूल वाला पानी सात दिन छोड कर फ़िर तीन दिन लेते रहें यानी पहले मास नो दिन लें फ़िर एक मास बन्द फ़िर एक माह शुरु यानी कुल ६ मास मे आपने ५४ दिन फ़ूल वाली दवा लेनी है ।
इस दवा को शुरु करने से पहले अप्ना शुगर का सत्र चैक करवा कर दवा शुरु करें । 
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डायबिटीज के कारण कई लोगों को बार-बार मुंह सूखने की समस्या होती है। यदि आपके साथ भी यह समस्या है तो जब भी मुंह सूखे एक सुपारी का टुकड़ा मुंह में रखें। ऐसे लोगों को इस स्थिति से बचने के लिए सुपारी बहुत मदद करती हैं, क्योंकि इसे चबाने से बड़ी मात्रा में लार पैदा होती है।
साथ मे सुबह कम से कम आधा घन्टा नंगे पैर हरी घास पर सैर जरुर करें


भाग दौड की दिनचर्या अनियमित खान-पान हर निय्मित समय पर किये जाने वाले कार्य के अस्मय हो जाने के कारण बडी संखया मे लोग कम उम्र मे ही डायबिटीज का शिकार होते जा रहे हैं। डायबिटीज के मरीज को सिरदर्द, थकान जैसी समस्याएं हमेशा बनी रहती हैं। डायबिटीज में खून में शुगर की मात्रा बढ जाती है। वैसे इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है। परंतु जीवनशैली में बदलाव, शिक्षा तथा खान-पान की आदतों में सुधार द्वारा रोग को पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है। डायबिटीज के मरीज को अपने डाइट प्लान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। डायबिटीज हो जाने का मूल कारण पैंक्रियाज मे कुदर्ती तरीके से निर्माण होने वाली इंसुलिन की मात्रा का कम हो जाना होता है जिस वकत इंसुलिन कम मात्रा मे निर्माण होने लगती है उस वकत डायबिटीज अनिय्मित हो जाती है ओर नियंत्रण मुकत हो कर रोग का रूप धारन कर लेती है जो कम या अधिक के रूप मे हो सकती है
डायबिटीज को नियंत्रण करने के कई तरीके हैं आइए हम मधुमेह रोगियों के लिए कुछ घरेलू उपाय लिखे जा रहे  हैं।
सबसे खास यह है कि हर रोज सुबह के समय सुर्य उगने से पहाले उठ कर नंगे पांव हरी घास पर कम से कम 20 से 30 मिन्ट या अधिक समय तक सैर लगातार करनी जरूरी है  

मधुमेह,डायबिटीज के लिए अन्य घरेलू उपचार

1-   10 मिग्रा आंवले के जूस को 2 ग्राम हल्दी  के पाउडर में मिला लीजिए। इस घोल को दिन में दो बार लीजिए। इसको लेने से खून में शुगर की मात्रा नियंत्रित होती है।

2 रतन्जोत, के 3 फ़ूल बैंगनी रंग के ले कर आधा गिलास हलका गर्म पानी कांच के गिलास में ले कर उस्मे शाम को 2-3 बजे फ़ूल डाल कर उपर से ढक कर रख दें ओर अगले दिन सुबह खाली पेट इस्को पी ले I
*इस तरह 10 दिन लगातार करें 20 दिन छोड दें तीन माह तक दोहराएं I
    अपने सभी टैसट कर्वा कर दवा शुरु करें बीच मे भी टैसट करवा कर     
    देखें कोर्स पुरा होने के बाद भी टैसट करवा कर नतीजे जो भी हों हमारे   
    कमेन्ट बाकस मे जरुर लिखे I 

3-  औसत आकार का एक टमाटर, एक खीरा और एक करेला को लीजिए। इन तीनों को मिलाकर जूस निकाल लीजिए। इस जूस को हर रोज सुबह-सुबह खाली पेट लीजिए। इससे डायबिटीज में फायदा होता है। 

4- डायबिटीज के मरीजों के लिए सौंफ बहुत फायदेमंद होता है। सौंफ खाने से डायबिटीज नियंत्रण में रहता है। हर रोज खाने के बाद सौंफ खाना चाहिए। 

5-    मधुमेह के रोगियों को जामुन खाना चाहिए। काले जामुन डायबिटीज के मरीजों के लिए अचूक औषधि मानी जाती है। जामुन को काले नमक के साथ खाने से खून में शुगर की मात्रा नियंत्रित होती है। 

6- स्टीविया का पौधा मधुमेह रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। स्टीविया बहुत मीठा होता है लेकिन शुगर फ्री होता है। स्टीविया खाने से पैंक्रियाज से इंसुलिन आसानी से मुक्त होता है। 

7-डायबिटीज के मरीजों को शतावर का रस और दूध का सेवन करना चाहिए। शतावर का रस और दूध को एक समान मात्रा में लेकर रात में सोने से पहले मधुमेह के रोगियों को सेवन करना चाहिए। इससे मधुमेह नियंत्रण में रहता है।

 

दांतों को चमकाने व मज्बूती के लिए

दांतों को चमकाने व मज्बूती के लिए 
दांतों की चमक व मज्बूती के लिए

 दांतों को चमकाने व मज्बूती के लिए उत्तम दन्त मंजन - 3 सुपारी फ़ल भून लें ओर पीसकर पाउडर बना कर कपडछान कर लें। इस पाउडर में नींबू रस की करीब 5-६ बूंदें डाल लीजिए और करीब 1 ग्राम सेन्धा नमक भी मिला कर सभी को मिला कर रख लें आपका दांतों को चमकाने व मज्बूती के लिए उत्तम दन्त मंजन इसको हर रोज दिन में दो बार सुबह व रात को सोते सम्य इस मिश्रण से अपने दांतों की
दांत चमकने लगेंगे

दांत चमकने लगेंगे
सफाई करें, एक सप्ताह में दांत चमकने लगेंगे ,दांतों को सड़न से बचाए- सुपारी में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। इसके कारण इसका इस्तेमाल दांतों की सड़न को रोकने के लिए मंजन के रूप में किया जाता है। जडें व मसूडे मजबूत होंगे ,यह पायरीया का दुश्मन है ओर आपके दांतो को नया निखार व मज्बूती देता है । इससे रोजाना मंजन करें, फायदा होगा।

पिता पथरी

हर बीमारी आपकी मुट्ठी मे
 पार्क मे घास

हर रोज सुबह सुबह २०-३० मिंन्ट तक हरी दुभ जिस पर ओस हो पेर टहलें या घूमे या किसी नज़दीकी पार्क मे घास पर घूमे
इससे नज़र तेज होती है ओर चश्मे का नंबर भी लगातार कम होता जाता है सुबह सुबह घास पर टहलने के ओर भी ढेर सारे फ़ायदे है
१-सुबह सुबह घास पर टहलने से
दिल के रोगों के मरीज की बीमारी मैं भी लाभ होता है
२-सुबह सुबह घास पर टहलने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल मैं रहता है , ब्लड प्रेशर कंट्रोल मे रहता है
३-सुबह सुबह घास पर टहलने से मोटापा कम होता है चर्बी कम हो जात है
४ सुबह सुबह घास पर टहलने से शुगर व ब्लडशुगर के मरीज़ो मे शुगर के सत्र को नियंत्रण मे बड़ी मदद मिलती है  

सिर में सिकरी या रूसी

सिर में सिकरी या रूसी

घर पर तैयार करें देसी शैंपू जो आपकी सिकरी या रूसी का कर दे ख़तम

अगर आप सोचते हैं कि बाजार से रसायनयुक्त शैंपू ख़रीदकर आप अपनी रूसी ख़तम कर देंगी तो आप ग़लत
सिर में सिकरी -dandruf curing
है। अब तक आप पता नही कितने दावों वाले शैंपू आजमा चुकी  हैं, अब सिर्फ़ हमारे इस देसी शैंपू को आजमा कर देखें
 समान
अदरक को बारीक पीसकर २-३ चम्मच रस निकाल लें।  इसके अंदर 5-6 बूंद निंबू का रस मिला लें ओर इसमें तीन चम्मच काले या सफेद तिल का तेल या जैतून का असली तेल मिला लें
बस हो गया है आपका देसी शैंपू या कंडीसनर तैयार अब इसे नहाने से पहले इस देसी शैंपू को बालों की जड़ों तक उंगलियों के हल्के दबाव के साथ लगाकर मालिश कर लें। 20 मिनट तक ऐसा ही छोड़ दें। फिर बालों को धो लें। सप्ताह में 2-3 बार इस नुस्खे को आजमाएं। आप अपने सिर मैं सीकरी या रूसी का नाम भी ढूंड नही पाएँगी
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