10 ग्राम सूखी अदरक (सूंठ) और 10 ग्राम बच पीस लें इसमें 6० ग्राम शहद मिलावें। यह मिश्रण रोगी को 6-6 ग्राम की मात्रा में सुबह खाली पेट व रात को सोते सम्य रोज देते रहें।
सुबह खाली पेट लहसुन की 4 कली पीसकर दो चम्मच शहद में मिलाकर रोगी को चटा दें।
फ़ालिज पक्षाघात या लकवा रोगी का ब्लड प्रेशर नियमित जांचते रहें। अगर रोगी के खून में कोलेस्ट्रोल का लेविल अधिक हो तो लहसुन की 3-4 कली रात को भी दें व धयान से ईलाज करना चाहिये।
दर्द में- अगर सरीर के किसी हिस्से में दर्द की शिकायत हो तो बाजार से देसी दवाओं की दुकान से अमॄतधारा की एक शीशी ले कर घर रखें, अब 10 ग्राम सरसों का तेल किसी कांच की शीशी में डाल लें इसमें सिर्फ़ 2 बूंद उकत अमॄतधारा की मिला लें ,इस तेल को दर्द वाली जगह पर लगा कर 2 मिन्ट मालिश करें दर्द गायब हो जाएगा ।
उकत शीशी का ढकन बंद रखें ।परहेज -रोगी तमाम नशीली चीजों से परहेज करे। भोजन में तेल,घी,मांस,मछली, अचार,खटाई, फ़ास्ट फ़ूड,बाजारी रेडीमेड चीजें,देर से पचने वाली चीजें उपयोग न करे।
रोगी चिलका वाली मूंग की दाल का पानी पियें। रोगी को कब्ज न रहने दें।
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